Heatwave- Kitni Garmi jhel skta h insaan
Heatwave– हर साल जैसे ही गर्मी का मौसम आता है, तापमान नये रिकॉर्ड तोड़ने लगता है। कुछ शहरों में यह 45 से 50 डिग्री तक पहुंच जाता है इसके साथ ही हीटवेव और लू जैसे नाम भी चर्चा में आ जाते हैं। लेकिन एक आम इंसान के मन में सवाल उठता है –
आखिर इंसान कितनी गर्मी तक ज़िंदा रह सकता है ?
क्या 45°C से ऊपर के तापमान में बचा जा सकता है?
क्या 55°C तापमान में शरीर काम करना बंद कर देता है ?
इस लेख में हम वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर इन सभी गंभीर विषयों पर चर्चा करेंगे- एक स्वस्थ इंसान का तापमान 36.5°C से 37.5°C (98.6°F) के बीच होता है । जब बाहरी तापमान बढ़ता है, तो शरीर पसीना निकाल कर खुद को ठंडा करने की कोशिश करता है लेकिन जब गर्मी बहुत ज्यादा हो जाए और नमी Humidity भी अधिक हो, तब पसीना नहीं सूख पाता है और शरीर अंदर से गर्म होता जाता है।
इंसान कितनी गर्मी सहन कर सकता है ?
वैज्ञानिको के अनुसार तापमान 40°C से ऊपर जाते ही हीट स्ट्रेस की शुरुआत हो सकती है । एक स्वस्थ इंसान 42°C – 43°C तापमान को गर्मी से बचाने वाली चीजें अपनाकर कुछ समय तक गर्मी सह सकता है, लेकिन लंबे समय तक इतने तापमान में रहने से खतरा हो सकता है, 44°C – 45°C अगर साथ में नमी भी ज्यादा हो तो शरीर का तापमान कंट्रोल में नहीं रह पाता और खतरा अधिक रहता है।
क्या होता है Wet Bulb Temperature – WBT ?
Wet Bulb Temperature वह तापमान है जिसमें हवा की नमी और गर्मी दोनों को मिलाकर मापा जाता है।
अगर WBT 35°C तक पहुंच जाए, तो शरीर का पसीना नहीं सूख पाता और कूलिंग सिस्टम पूरी तरह फेल हो जाता हैं ।
वैज्ञानिकों का कहना है कि 35°C WBT से ऊपर इंसान 3 से 5 घंटे के अंदर भी मर सकता है, चाहे वह पूरी तरह स्वस्थ ही क्यों न हो। मतलब WBT = Humidity + Heat का खतरनाक कॉम्बिनेशन।
Heat Stroke क्या होता है?
हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान 104°F (40°C) से ऊपर चला जाए और पसीना आना बंद हो जाए। यह जानलेवा स्थिति बन सकती है और पीड़ित की जान को खतरा हो सकता है। हीट स्ट्रोक में सिर दर्द, चक्कर, उल्टी, कमजोरी स्कीन का लाल और सूखा हो जाना,बेहोशी पीड़ित कंफ्यूज हो जाता है वहीं उसकी सांसे तेज चलने लगती है। अगर समय पर इलाज न मिले तो यह ब्रेन, हार्ट और किडनी पर असर डाल सकता है ।
IMD अलर्ट सिस्टम – Yellow, Orange और Red Alert

भयंकर गर्मी और जीवन
भारतीय मौसम विभाग IMD गर्मी के आधार पर अलर्ट जारी करता है Yellow Alert हल्की गर्मी होने पर जिसमें कहा जाता है कि गर्मी है अपना ध्यान रखें। Orange Alert मतलब गर्मी ज्यादा है खतरा हो सकता है अधिक ध्यान रखने की जरूरत है। ऑरेंज अलर्ट लगभग 40 डिग्री के आस पास किया जाता है।
Red Alert अगर रेड अलर्ट हो जाए तो तुरंत सावधान होने की जरूरत है क्योंकि रेड अलर्ट में पूरी स्थिति खतरनाक होती है। हर वह चीज इस्तेमाल करने की जरूरत है जो गर्मी से बचाती है।
2025 की गर्मियों में राजस्थान, यूपी, दिल्ली और मध्य भारत में 45°C से ऊपर तापमान जा चुका है और कई जगह Orange व Red Alert जारी हो चुका है।
हर साल गर्मी से क्यों मरते हैं लोग ?
कुछ लोग जागरूकता के कारण और कुछ मजबूरी के कारण गर्मी से मर जाते हैं जैसे कुछ लोग लगातार धूप में रहते हैं जो एक बड़ा खतरा है और वही कुछ लोग डिहाईड्रेशन यानी पानी की कमी के कारण इसकी चपेट में आ जाते हैं। जब शरीर ज्यादा गर्मी और उमस में रहता है तो पानी की कमी ज्यादा होती है और शरीर जल्दी थक जाता है जो कि उनकी मृत्यु का एक बड़ा कारण बनता है।
बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोग जल्दी इसकी चपेट में आते हैं, 2024 में हीटवेव से भारत में दर्जनों मौतें दर्ज की गईं। इससे निपटने के लिए जागरूकता सबसे जरूरी है।
गर्मी से बचाएंगे ये 6 टिप्स
1. सुबह 11 बजे से दोपहर 4 बजे तक घर से बाहर निकलने से बचें। और अगर इस समय पर बाहर निकलना ज्यादा जरूरी है तो छाता लेकर निकले।
2. रोजाना बिना प्यास के भी हर घंटे एक-दो गिलास पानी पीते रहे। कोशिश करें पूरे दिन में तीन से चार लीटर पानी जरूर पिए और नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, ORS भी ज़रूर लें।
3. इतनी भयंकर गर्मी में हल्के और ढीले कपड़े पहनें । सूती एवं हल्के रंग वाले कपड़े पहनना ज्यादा अच्छा रहता है और यह आपको गर्मी से राहत दिलाते हैं और गर्मी में बाहर निकलते समय हमेशा सर ढक कर रखें।
4. गर्मी में आपका भोजन ही आपको बचाता है हेल्थी और हल्का भोजन करें। तली भूनी और फास्ट फूड खाने से बचें और तरबूज, खीरा, खरबूजा जैसी चीज़ें खाएं।
5. घर में ठंडक बनाए रखें ऐसा करने के लिए आप खिड़की पर गीले पर्दे डाल सकते हैं। लगभग सभी के घरों में पंखा और कूलर होते हैं उनका इस्तेमाल करें। कोशिश करें घर को ठंडा रखने के लिए ऐसी चीजों का इस्तेमाल न किया जाए जो पर्यावरण को हानि पहुंचती हो।
6. और सबसे ज्यादा जरूरी बड़े बूढ़ो और बच्चों का ध्यान रखें क्योंकि बुजुर्ग और बच्चे सबसे जल्दी इसकी चपेट में आते हैं।
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क्या अधिक गर्मी से शरीर के DNA पर असर पड़ता है ?
जी हाँ वैज्ञानिकों ने पाया है कि अधिक गर्मी UV किरणों और डिहाइड्रेशन की वजह से शरीर की कोशिकाएं कमजोर पड़ जाती हैं। Heat Stress से Skin Damage, Heat Rash, और कुछ समय के बाद स्किन कैंसर तक का खतरा हो सकता है।
क्या इंसान 55°C गर्मी झेल सकता है ?
इंसान का शरीर एक शानदार क्रिएशन है। अगर गर्मी 55 डिग्री तक भी हो तो इंसान का शरीर उसे सहन कर सकता है, वैसे तापमान 50 डिग्री पर जाने के बाद ही ऑर्गन फैलियर का डर बना रहता है लेकिन अगर कुछ सावधानियां अच्छे से बरती जाए तो शायद इंसान जिंदा रह सकता है अपने आप को बचाने के लिए उन सभी चीजों का इस्तेमाल करना पड़ेगा जो गर्मी से बचाती है, बिना प्यास के भी पानी पीना होगा जिससे शरीर हाइड्रेट रहेगा यानी इंसानों को जिंदा रहने के लिए वे सभी तरीके अपनाने पड़ेंगे जो भयंकर गर्मी से बचाते हैं, Death vally USA में धरती पर अब तक सबसे ज्यादा गर्मी हुई है जहां का तापमान 56 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
लेकिन यदि Wet Bulb Temperature 35°C के आस-पास या ऊपर है, तो कोई भी इंसान लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता इसलिए जरूरी है कि समय रहते हीटवेव से बचाव के उपाय अपनाएं और खुद को सुरक्षित रखें।
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