RSS को लोकतंत्र में जगह चाहिए तो तिरंगे और संविधान को मनाना होगा पटेल ने यह शर्त 1949 में रखी थी।
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तिरंगा और संविधान हमारी आत्मा है कोई संगठन इसे नही मानता तो संवाद से सुधारना जरूरी है।
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राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान किसी भी रूप में स्वीकार नहीं। तिरंगे और संविधान की गरिमा सर्वोपरि है और उसका पालन अनिवार्य है।
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राष्ट्रीय ध्वज और संविधान भारत की पहचान हैं। इनका सम्मान हर संगठन और नागरिक का पहला कर्तव्य होना चाहिए।
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भारत की एकता का आधार संविधान और राष्ट्रीय प्रतीक हैं। इन्हें मानना और सम्मान करना हर संगठन की ज़िम्मेदारी है।
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