Mutual fund in Hindi –
जीवन में इन्वेस्टमेंट करना एक बहुत ही समझदारी भरा कदम माना जाता है जो व्यक्ति अपने जीवन में धन को इन्वेस्ट करते हैं वह अपने लिए एक पेड़ उगा रहे हैं जो आने वाले समय में उनको छाया और फल देगा लेकिन इस इन्वेस्टमेंट को कहां करना है कैसे करना है उसकी एक सही रणनीति आपके पास होना जरूरी है
अगर आप उस इन्वेस्टमेंट को किसी गलत जगह पर लगा देते हैं तो आपका सिर्फ धन ही नहीं समय भी व्यर्थ चला जाता है आज के इस लेख में हम आपको इन्वेस्टमेंट के एक प्लेटफार्म म्युचुअल फंड के बारे में बताएंगे कि क्या वाकई में म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करना एक समझदारी भरा कदम है और यह आपको सुरक्षित और अच्छा रिटर्न देगा या नहीं ?
म्यूचुअल फंड क्या होता है ?
Mutual Funds एक ऐसा निवेश प्लेटफॉर्म है जहाँ इस प्लेटफार्म के द्वारा बहुत से लोगों से पैसा इकट्ठा कर उसे शेयर बाजार, बॉन्ड, सरकारी योजनाओं या अन्य वित्तीय साधनों में लगाया जाता है इस पैसे को फंड मैनेजरो द्वारा मैनेज किया जाता है जो इन्वेस्टमेंट मार्केट के एक्सपर्ट होते है।
सीधी भाषा में कहें तो म्यूचुअल फंड एक ऐसी थाली है जिसमें अलग-अलग प्रकार के इन्वेस्टमेंट आइटम होते हैं, और आपका पैसा भी इस थाली में शामिल हो जाता है।
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म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है ?
जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपको फंड के यूनिट्स मिलते हैं। इन यूनिट्स की कीमत को NAV यानी Net Asset Value कहते हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव के अनुसार आपकी यूनिट्स की कीमत बढ़ती या घटती रहती है। जैसे-जैसे फंड अच्छा परफॉर्म करता है, आपकी इन्वेस्ट की गई राशि भी बढ़ती है।
म्यूचुअल फंड के प्रकार Types of Mutual Funds –
1. Equity Mutual Fund – इक्विटी म्यूचुअल फंड– यह फंड आपके द्वारा इक्विटी म्युचुअल फंड में डाली गई राशि को मुख्य रूप से शेयर बाजार में निवेश करता है। इस फंड में रिस्क ज्यादा होता है लेकिन रिटर्न भी ज्यादा हो मिलता है। लंबी अवधि के इन्वेस्टमेंट करने वाले इन्वेस्टर्स के लिए यह फंड एक बेहतर ऑप्शन है।
2. Debt Mutual Fund – डेब्ट म्यूचुअल फंड – यह फंड सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड या फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है। इस फंड में रिस्क कम होता है, लेकिन रिटर्न भी लगभग फिक्स होते हैं । डेब्ट म्युचुअल फंड इक्विटी म्युचुअल फंड की तुलना में अधिक सुरक्षित है और शॉर्ट टर्म निवेश के लिए अच्छा है ।
3. Hybrid Mutual Fund – हाइब्रिड म्यूचुअल फंड – हाइब्रिड म्युचुअल फंड इक्विटी और डेब्ट दोनों में निवेश करता है। इसमें रिस्क और रिटर्न का बैलेंस बना रहता है। यह फंड उन इन्वेस्टर के लिए एक अच्छा विकल्प है जो मीडियम टर्म के लिए अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं।
4. Index Fund – इंडेक्स फंड – यह Nifty या Sensex जैसे इंडेक्स को फॉलो करता है। यह फंड कम खर्च और लंबी अवधि के लिए अच्छा एक अच्छा विकल्प है ।
5. SIP – Systematic Investment Plan – SIP में आप एक निर्धारित अमाउंट हर महीने जमा करते हैं। यह निश्चित राशि आपके द्वारा निर्धारित की जाती है सिप आप मिनिमम ₹100 से कर सकते हैं। और यह अमाउंट आपके खाते से हर महीने इन्वेस्ट होने लगती है। SIP करने से मार्केट में उतार-चढ़ाव का असर कम हो जाता है। अगर आप हर महीने एक फिक्स अमाउंट निवेश करने का सोच रहे हैं तो SIP आपके लिए सबसे बेहतर ऑप्शन है !
म्यूचुअल फंड में पैसा कितना सुरक्षित है ?
Risk Factor – जोखिम का स्तर : म्यूचुअल फंड में पूरी तरह गारंटीड रिटर्न नहीं होता मार्केट से जुड़ा होने के कारण इसमें जोखिम रहता है चाहे वह भले ही काम क्यों ना हो। लेकिन यह रिस्क सही फंड का चुनाव और लम्बी अवधि तक निवेश करने से काफी हद तक कम हो जाता है।
SEBI द्वारा रेगुलेटेड : म्यूचुअल फंड को SEBI Securities and Exchange Board of India द्वारा रेगुलेट किया जाता है, जिससे इन्वेस्टर के पैसे की सुरक्षा बनी रहती है और कोई भी फंड हेराफेरी नहीं कर सकता।
Diversification : म्यूचुअल फंड में पैसा कई कंपनियों और सेक्टरों में लगाया जाता है जिसकी हमने ऊपर बात की है जिससे रिस्क बंट जाता है। और यही वजह है कि इसमें शेयर मार्केट की तुलना में नुकसान का खतरा काफी कम होता है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के फायदे
म्युचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट करने पर इस फील्ड के प्रोफेशनल फंड का मैनेजमेंट करते हैं। यानी जब प्रोफेशनल्स फंड का मैनेजमेंट करते हैं तो रिस्क के चांसेस भी काम होते हैं और प्रॉफिट के चांसेस ज्यादा रहते हैं। म्युचुअल फंड में आपको कम अमाउंट को इन्वेस्ट करने पर भी अलग-अलग फंड्स में इन्वेस्ट करने का ऑप्शन मिलता है।
म्युचुअल फंड से आप अपना पैसा कभी भी निकाल सकते हैं यानी इजी टू विड्रोल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म है। एक और बड़ा फायदा आप म्युचुअल फंड में मिनिमम 100 रूपए से भी इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं।
Mutual Funds में इन्वेस्ट करते समय किन बातों का ध्यान रखें –
म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करते समय फंड का बैकग्राउंड रिकॉर्ड चेक करें और फंड मैनेजर का रिकॉर्ड भी जरूर देखिए। उससे आपको उसे फंड के बारे में जानकारी हो जाएगी। सिर्फ रिटर्न के लालच में ना आए और यह चेक करें कि आप कितना रिस्क ले सकते हैं उसी के अनुसार फंड का चुनाव करें। जब भी आप इन्वेस्टमेंट करने का सोचे तो कोशिश करें की लंबें समय के लिए इन्वेस्टमेंट किया जाए क्योंकि जितना ज्यादा समय के लिए आप इन्वेस्ट करेंगे उतना ज्यादा आपको फायदा होगा।
आखरी और सबसे जरूरी बात क्या म्यूचुअल फंड में पैसा सुरक्षित है ?
म्यूचुअल फंड में 100% गारंटी नहीं होती, लेकिन यदि आप सही फंड चुनते हैं, रिस्क को समझते हैं और लंबी अवधि तक निवेश करते हैं, तो यह एक बहुत अच्छा निवेश विकल्प बन सकता है। SIP के माध्यम से नियमित निवेश करने से मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर भी कम होता है। इसलिए कह सकते हैं कि सही योजना, सही समय और सही जानकारी के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश करना सुरक्षित और लाभकारी दोनों हो सकता है ।
दोस्तों क्या आप एक इन्वेस्टर है और इन्वेस्टमेंट करने की सोच रहे हैं। तो इंतजार मत करिए और आज ही इन्वेस्ट करें।
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