मुंबई को दहेज में दिए जाने की सच्चाई –
Mumbai History in Hindi- भारत का सबसे बड़ा और चमकदार शहर, मुंबई, आज बॉलीवुड का हब और फाइनेंशियल राजधानी के रूप में जाना जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस चमचमाते और महंगे शहर का इतिहास एक समय में एक छोटे से द्वीप समूह के रूप में शुरू हुआ था, जो पुर्तगालियों के अधीन था। और एक समय ऐसा भी आया जब एक अमीरजादे ने मुंबई को दहेज में ही दे दिया था । आइए इस दहेज की घटना को गहराई से समझते हैं।
मुंबई का शुरुआती इतिहास –
मुंबई, जिसे पहले “बॉम्बे” के नाम से जाना जाता था, दरअसल बॉम्बे सात छोटे-छोटे द्वीपों से मिलकर बना था — कोलाबा, मझगांव, माहीम, परेल, वर्ली, माटुंगा और डोंगरी ।
प्राचीन समय में, यह क्षेत्र अपार जनसंख्या, घने जंगलों और मछुआरों के गांवों से भरा पड़ा था। सात द्वीपों को लोकल लैंग्वेज में हेप्टानेसिया कहा जाता था।
14वीं-15वीं सदी में मुंबई पर इस्लामी सुल्तानों का अधिकार हो गया था और फिर 1534 में पुर्तगालियों ने इसे हथिया लिया। पुर्तगालियों ने इसे “बोम बाया” (Bom Bahia) यानी “अच्छी खाड़ी” का नाम दिया, जो बाद में बदलकर “बॉम्बे” किया गया।
मुंबई पर पुर्तगालियों का शासन –
पुर्तगाली शासन में, मुंबई के द्वीप व्यापार, मछली पकड़ने और समुद्री रास्तों के लिए महत्त्वपूर्ण हो गए। उन्होंने यहां गिरजाघरों और छोटे किलों का निर्माण भी किया, जिनके अवशेष आज भी शहर के कुछ हिस्सों में मिलते हैं। पुर्तगालियों ने यहां के मूल निवासियों से व्यापारिक संबंध स्थापित किए और कुछ क्षेत्रों में ईसाई धर्म का प्रचार भी किया।
इंग्लैंड और पुर्तगाल के बीच शाही विवाह –
अब कहानी आती है इतिहास के उस महत्वपूर्ण मोड़ पर, जब एक राजनीतिक गठबंधन ने मुंबई के भविष्य को बदल दिया।
17वीं सदी में इंग्लैंड और पुर्तगाल दोनों यूरोप में अपनी ताकत को बढ़ाने के प्रयास में थे। इसी के चलते इंग्लैंड के राजा चार्ल्स द्वितीय (Charles II) ने पुर्तगाल की राजकुमारी कैथरीन ऑफ ब्रगैंज़ा (Catherine of Braganza) से विवाह किया।
यह शादी महज़ एक व्यक्तिगत रिश्ते तक सीमित नहीं थी, बल्कि एक राजनीतिक और व्यापारिक समझौता भी था।
1661 में जब चार्ल्स द्वितीय और कैथरीन का विवाह हुआ, तब पुर्तगाल ने इंग्लैंड को दहेज में कई बडी चीजें दीं — जिनमें मुंबई (बॉम्बे) के द्वीप भी शामिल थे। इसके अलावा, पुर्तगाल ने इंग्लैंड को टंगियर (Tangier, जो अब मोरक्को में है) का जिम्मा और कुछ व्यापारिक विशेषाधिकार भी सौंपे।
क्यों दिया गया था मुंबई को दहेज में ?
मुंबई उस समय व्यापार के लिहाज से इतना महत्त्वपूर्ण नहीं था जितना आज है। पुर्तगालियों के लिए गोवा और अन्य उपनिवेश कहीं अधिक मूल्यवान थे। मुंबई के सात द्वीप दलदली भूमि थे, जिनमें खेती करना या बड़ी बस्ती बसाना कठिन था।
इसीलिए, पुर्तगाल ने इसे एक कम नुकसान वाला समझौता मानते हुए दहेज में सौंप दिया।
उनके नजरिए से, यह सौदा फायदेमंद था क्योंकि इंग्लैंड के साथ मजबूत संबंध बनाना पुर्तगाल के लिए यूरोप में अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जरूरी था।
मुंबई पर अंग्रेजी शासन की शुरुआत –
वैसे 1661 में मुंबई को आफिशियल तौर पर इंग्लैंड को सौंप दिया गया था, लेकिन वास्तविक नियंत्रण प्राप्त करने में अंग्रेजों को कठिनाइयां हुईं। स्थानीय पुर्तगाली गवर्नर ने इस हस्तांतरण का कड़ा विरोध किया और इंग्लिश प्रतिनिधियों के साथ सहयोग नहीं किया।
आखिरकार, कई महीनों की बातचीत और दबाव के बाद, अंग्रेजों ने मुंबई पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि शुरू में इंग्लैंड के राजा ने मुंबई को अपनी ईस्ट इंडिया कंपनी को सिर्फ 10 पाउंड सालाना किराए पर दे दिया था।
यानि एक तरह से देखा जाए तो इतनी महत्वपूर्ण भूमि अंग्रेजों को नाम मात्र की कीमत पर मिल गई थी।
मुंबई का डेवलपमेंट : दलदल से महानगर तक का सफर –
मुंबई का असली डेवलपमेंट अंग्रेजों के शासन में शुरू हुआ। उन्होंने दलदली भूमि को जोड़ने के लिए बड़े स्तर पर रीक्लेमेशन (भूमि भराई) प्रोजेक्ट शुरू किए। धीरे-धीरे सातों द्वीप आपस में जुड़े और एक बड़ा, एकीकृत भूभाग बन गया।
अंग्रेजों ने मुंबई को एक प्रमुख बिजनेस और नौसैनिक सेंटर के रूप में विकसित किया। 18वीं और 19वीं सदी में मुंबई कपास बिजनेस जहाजरानी और अन्य कमर्शियल गतिविधियों का प्रमुख सेंटर बन गया। भारतीय रेल का पहला मार्ग भी 1853 में मुंबई से ठाणे तक शुरू किया गया, जो उस समय की फाइनेंशियल तरक्की का प्रतीक था।
आखिर में कुछ –
आज जिस मुंबई को हम चमकते हुए आसमान छूते टावरों और सरपट भागती गाड़ियों से व्यस्त सड़कों के रूप में देखते हैं, उसका एक इतिहास यह भी है कि एक समय में मुम्बई को दहेज में दिया गया था। पुर्तगाली शासन से अंग्रेजी शासन में आया यह शहर, समय के साथ भारत का दिल बन गया और बालीवुड का गढ़।
मुंबई की यह ऐतिहासिक यात्रा हमें सिखाती है कि कैसे पालिटिक्स, दहेज विवाह, और बिजनेस के गठजोड़ों ने दुनिया के नक्शे को बदल दिया है।
दोस्तों आपको मुम्बई शहर का यह इतिहास जानकर कैसा लगा और आपके इस पर क्या विचार है, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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