मई के महीने में गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। इतनी ज्यादा बदन को जलाने वाली धूप पड़ रही है।
भारत के मौसम विभाग आईएमडी महानिदेशक मृत्यु जय महापात्रा ने दिल्ली एनसीआर समिति उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान बिहार अन्य कई राज्यों में मई के महीने में हीट वेव यानी लू का अलर्ट जारी किया है।
हीट वेव की वजह से हमारे शरीर की एनर्जी कम होने लगती है। साथ ही हमारे पाचन तंत्र पर भी इसका बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। और यही कारण है कि हर साल हजारों लोग हीट वेव की चपेट में जाकर बीमार पड़ते हैं। और दुनिया भर में सैकड़ो लोगों की मौत हो जाती है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन WMO की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अप्रैल और जून 2023 भिषन गर्मी के के कारण लगभग 110 लोगों की मौत हुई थी।
हीट वेव की वजह से किस तरह की बीमारियां हो सकती है।
चिलचिलाती धूप और गर्म हवा की वजह से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इसी से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जब शरीर का टेंपरेचर बहुत ज्यादा बढ़ने लगता है तो हमें थकान महसूस होती है। और कई बार तो तेज गर्मी की वजह से ब्लड प्रेशर लो होने लगता है। फॉर लिवर और किडनी में सोडियम पोटेशियम का बैलेंस बिगड़ने लगता है।
हीट वेव से हो सकती है यह बीमारियां।
मसल्स में ऐठन।
थकावट ,कमजोरी।
सर दर्द या चक्कर आना।
हीट स्ट्रोक।
डिहाइड्रेशन।
हाइपरथर्मिया
स्किन प्रॉब्लम्स
फूड पाइजनिंग।
रेस्पिरेटरी डिजीज।
किडनी डिजीज।
खून में थके जमना।
गर्मी की वजह से बीमारियां होने का क्या कारण है।
एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर का टेंपरेचर 37 डिग्री सेल्सियस होता है. शरीर को सुचारू रूप से चलने के लिए एक औसत तापमान मेंटेन करना जरूरी है। लेकिन गर्मियों में हीट वेव चलने पर जब आसपास का वातावरण ज्यादा गर्म होने लगता है तो बॉडी का टेंपरेचर को मेंटेन करने के लिए शरीर से पसीना निकलना शुरू होता है साथ ही खून का सरकुलेशन भी तेजी से होने लगता है।
हीट वेव के कारण होने वाली बीमारियों से कैसे बचा जा सकता है।
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों की सुरक्षा के लिए सुझाव जारी किए हैं जिन्हें अपना कर गर्मी से होने वाली कई बीमारियों और हीट वेव से खुद को बचा सकते हो।
तेज धूप के सीधे संपर्क में आने से बचें।
गर्मी में हल्के वह सूती कपड़े पहने।
धूप में बाहर जाते समय सनग्लास जरूर लगाए।
घर से बाहर निकलते समय सर को ढक कर निकले।
सुबह 11:00 से शाम 4:00 तक घर से बाहर न निकले।
प्यास न लगने पर भी थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पिए।
ओआरएस लस्सी नींबू पानी लस्सी नियमित पिए।