Ear इंफेक्शन नहाते समय बरतें सावधानी, आपके कान को खराब कर सकता है साबुन का पानी।

प्रकृति ने हमें पांच ज्ञानेंद्रिय दी है। आंख कान नाक जीभ और त्वचा। इसे ही हम स्वाद और गंध का अनुभव होता है।। अगर इसमें से एक भी एहसास हमसे छीन लिया जाए। तो हम कितने अधूरे हो जाएंगे।।

एक्सपर्ट के मुताबिक सबसे पहले सक्रिय होने वाली ज्ञानेंद्रिय हमारे कान होते हैं। जब बच्चा मां के गर्भ में होता है उसे तभी सुनाई देने लगता है महाभारत में अभिमन्यु ने मां के गर्भ में ही चक्रव्यूह को भेदने की कला सीख ली थी। कान हमारे जन्म से पहले ही एक्टिव हो जाते हैं और मरते दम तक साथ देते हैं कान हमारे शरीर के सबसे सेंसिटिव अंगों में से एक है।।

कान जितने सेंसिटिव और जरूरी है। उतने ही कामन है। कानों में होने वाला इन्फेक्शन किसी वाइरस या बैक्टीरिया की वजह से कानों में इंफेक्शन हो सकता है। कान में इन्फेक्शन की समस्या बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है और इन्फेक्शन की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसकी शुरुआती लक्षणों को अक्सर लोग नजर अंदाज करते हैं। और इसका पता तब चलता है जब समस्या काफी बढ़ चुकी होती है।

कान के दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए अगर शुरुआत में इसका उपचार नहीं किया जाए तो समस्या गंभीर भी हो सकती है।

कान में इन्फेक्शन क्यों होता है इसके लक्षण क्या है।

कान में इन्फेक्शन का अर्थ है कौन कब बना या कानों में दर्द होना कान में इन्फेक्शन की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है इसे कान का भार्या अंदरूनी हिस्सा प्रभावित हो सकता है कान में इंफेक्शन होने की अधिकांश बैक्टीरिया या वायरस होता है ।

कान में इन्फेक्शन की ये है शुरुआती लक्षण बच्चों में।

लेटते समय कानों में दर्द।
नींद ना आना।
कान का बहना।
बुखार आना।
सर दर्द होना।
भूख कम लगाना।

कानों के इंफेक्शन से कैसे बचा जा सकता है।

कानों के इन्फेक्शन का इलाज दो ही तरीकों से होता है ‌। मेडिकली और दूसरा सर्जिकली।

अगर आपका कान कभी अचानक बहता है और साथ में बुखार या कान में दर्द है तो इस इन्फेक्शन को दवाई के जरिए आसानी से ठीक किया जा सकता है।

लेकिन अगर कान की बीमारी पुरानी है जैसे बहुत समय से रुक रुक कर कान बह रहा है। इसकी वजह से सुनने की क्षमता भी प्रभावित हुई है तो यह खतरनाक हो सकता है इसे कान का पर्दा या कान की हड्डियां भी डैमेज हो सकती है ऐसी स्थिति में कान की सर्जरी इसका इलाज है।

क्या कान में तेल डालना सही है।
अक्सर लोग कान में दर्द खुजली या सफाई करने के लिए गुनगुना सरसों का तेल जैतून या नारियल का तेल डालते हैं। जबकि यह खतरनाक साबित हो सकता है।

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