Diwali News : भारत को अगर त्यौहारों का देश कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यहाँ हर महीने कोई न कोई पर्व हमारी संस्कृति और परंपरा का रंग बिखेरता है। लेकिन जब बात दिवाली की आती है तो यह त्यौहार सबसे खास और सबसे बड़ा माना जाता है। दीपों की जगमगाहट, मिठाइयों की मिठास और खुशियों का माहौल यही दिवाली की पहचान है।
समय के साथ भले ही दिवाली मनाने के तरीके बदल गए हों, लेकिन इस पर्व की मूल भावना अंधकार पर प्रकाश की जीत और बुराई पर अच्छाई की विजय आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर दिवाली क्यों मनाई जाती है, इसका इतिहास क्या कहता है और आधुनिक समय में हम इसे पर्यावरण-संवेदनशील तरीके से कैसे मना सकते हैं।
दिवाली क्यों मनाई जाती है ?
दिवाली से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह से यह त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन इसकी सबसे प्रमुख कथा भगवान राम से जुड़ी है।
भगवान राम की अयोध्या वापसी – मान्यता है कि जब भगवान राम, रावण का वध कर माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका भव्य स्वागत किया। घर-घर दीपक जले, मिठाइयाँ बंटी और पूरा नगर रोशनी से जगमगा उठा। तभी से हर वर्ष इस दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता है।
भगवान कृष्ण और नरकासुर वध – एक और कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इसी दिन असुर नरकासुर का वध किया था। नरकासुर ने देवताओं और स्त्रियों को बंदी बना रखा था। उसकी हार के बाद लोगों ने दीपक जलाकर अपनी खुशी व्यक्त की।
मां लक्ष्मी का जन्म – शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इसलिए दिवाली को मां लक्ष्मी की पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन लक्ष्मी जी घर-घर भ्रमण करती हैं और जहाँ स्वच्छता और श्रद्धा होती है वहाँ स्थायी रूप से निवास करती हैं।
जैन धर्म के अनुसार, यही वह दिन है जब भगवान महावीर ने मोक्ष प्राप्त किया था। इस कारण जैन धर्मावलंबियों के लिए भी यह पर्व बेहद महत्वपूर्ण है।
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Diwali News- दिवाली का महत्व
दिवाली सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। अच्छाई की जीत का प्रतीक यह पर्व हमें सिखाता है कि चाहे अंधकार कितना भी गहरा क्यों न हो, एक दीपक उसे मिटाने के लिए काफी होता है।
सामाजिक एकता लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, मिठाइयाँ और उपहार बाँटते हैं, जिससे रिश्तों में मिठास आती है। आर्थिक दृष्टि से दिवाली के दौरान बाजारों में रौनक रहती है। छोटे-बड़े सभी व्यापारियों के लिए यह समय कमाई का अवसर लेकर आता है। आध्यात्मिक दृष्टि से यह त्यौहार आत्मा को स्वच्छ करने, नकारात्मकता को मिटाने और सकारात्मक ऊर्जा लाने का संदेश देता है।

दिवाली की तैयारियाँ
माना जाता है कि लक्ष्मी जी स्वच्छ घर में ही प्रवेश करती हैं। इसलिए दिवाली से पहले घर की पेंटिंग, सजावट और सफाई का विशेष महत्व है। आजकल बिजली की झालरों से सजावट का चलन है, लेकिन असली आनंद मिट्टी के दीयों को जलाने में है। इससे न केवल वातावरण पवित्र होता है, बल्कि यह परंपरा से भी जुड़ा रहता है। दिवाली के अवसर पर परिवार और मित्रों के बीच मिठाइयों और उपहारों का आदान-प्रदान होता है। यह प्रेम और भाईचारे को बढ़ाने का प्रतीक है।
दिवाली और पर्यावरण
आधुनिक युग की सबसे बड़ी चुनौती है प्रदूषण। दिवाली के मौके पर पटाखों का शोर और धुआँ वायु व ध्वनि प्रदूषण को बढ़ा देता है। इसलिए अब समय है कि हम इस त्यौहार को Eco-Friendly Diwali की ओर मोड़ें। दिवाली पर पटाखों से परहेज करें इससे ध्वनि और वायु प्रदूषण दोनों कम होंगे।
मिट्टी के दीये जलाएँ इसमें सरसों का तेल डालकर जलाना शुभ और स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। प्राकृतिक रंगोली बनाएं फूलों, चावल या आटे से बनी रंगोली सुंदर भी लगती है और नुकसान भी नहीं पहुँचाती। पौधे गिफ्ट करें मिठाई और चॉकलेट की जगह पौधे भेंट करना पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए बेहतर है।
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दिवाली पर सावधानियाँ
दीयों और मोमबत्तियों से बच्चों को दूर रखें और उन पर निगरानी रखें। बाजार की केमिकलयुक्त मिठाइयों से बचें और घर की बनी मिठाइयों का उपयोग करें। पटाखों से पूरी तरह परहेज करें या यदि जलाएँ भी तो सीमित मात्रा में और सुरक्षित स्थान पर। दिवाली का पर्व सिर्फ परिवार तक सीमित न रखें, बल्कि समाज में जरूरतमंदों तक भी खुशियाँ पहुँचाएँ। दिवाली हमें सिखाती है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों, उम्मीद का दीप जलाना कभी नहीं छोड़ना चाहिए। यह पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर, नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर बढ़ने का संदेश देता है।
दिवाली सिर्फ रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि खुशियों, उम्मीदों और नए आरंभ का पर्व है। इस बार दिवाली को हम सब मिलकर इस संकल्प के साथ मनाएँ कि बिना पटाखों के, स्वच्छता और पर्यावरण का ध्यान रखते हुए, जरूरतमंदों के साथ खुशियाँ बाँटकर इसे और खास बनाएँ।
मां लक्ष्मी आपके घर में सुख-समृद्धि लाएँ और दीपावली आपके जीवन में नई रोशनी और सफलता लेकर आए।
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