Great Leaders in india –
Top Indian Leaders : हम सब अपनी ज़िंदगी में प्रेरणा की तलाश में रहते हैं। कभी कोई किताब, कभी कोई कहानी, तो कभी किसी महान व्यक्ति की जीवनी हमें एक नया नजरिया देती है। भारत महान नेताओं और विचारकों की भूमि रही है। महापुरुषों की आत्मकथा केवल एक कहानी नहीं होती, बल्कि संघर्ष, संकल्प, और सफलता का आईना होती है।
इस लेख में हम बात करेंगे भारत के 5 ऐसे महान महापुरुषों की जिनका जीवन प्रत्येक व्यक्ति को ज़रूर पढ़ना चाहिए। ये केवल नेता नहीं थे, बल्कि विचारों के योद्धा थे, जिन्होंने न केवल सफलता की ऊंचाइयों को छुआ,बल्कि पूरे देश को दिशा दी।
1. डॉ. भीमराव अंबेडकर – समानता और अधिकारों की आवाज़ –
डॉ. भीमराव अंबेडकर भारत में जन्मे एक ऐसे महापुरुष हैं जिनका नाम विदेशों में भी गर्व के साथ लिया जाता है, वहां की यूनिवर्सिटी और कॉलेज में डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमाएं लगी हुई है, वहां के छात्र और विद्वान उन्हें अपना आदर्श मानते हैं, डॉ अंबेडकर का जीवन संघर्ष भरा रहा, भारतीय समाज में जातिगत भेदभाव का सामना करते हुए भी उन्होंने शिक्षा की ऊंचाइयों को छुआ और एक ऐसा नाम बने जो सदियों तक याद रखा जाएगा । वे न केवल भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और एक महान शिक्षाविद् थे बल्कि एक अर्थशास्त्री भी थे।

डॉ आंबेडकर एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने बिना तलवार बिना किसी रक्तपात और युद्ध के, भारतीय समाज में सदियों से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया, भारतीय नागरिकों को समान अवसर और जीने के अधिकार दिलाए। यह सिर्फ शिक्षा की शक्ति है और यह आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देगी। उनका जीवन हमें सिखाता है कि परिस्थितियाँ कैसी भी हों, अगर लक्ष्य साफ हो तो रास्ता बन ही जाता है।
आत्मकथा – Waiting for a Visa
2. स्वामी विवेकानंद – युवा चेतना और शक्ति के लीडर –
जब-जब किसी ने समाज में कुछ बदलाव करने के लिए आवाज उठाई है तब तब समाज ने उसका बहिष्कार और विरोध किया है, हम बात कर रहे हैं उस महापुरुष की जिनका जन्म 12 जनवरी 1863 को
कोलकाता में हुआ था नाम था नरेंद्र नाथ दत्त जीवन के शुरुआत से ही नरेंद्र को अपने अस्तित्व और भगवान को जानने की उत्सुकता थी, उन्हें जो भी साधु संत मिलते वह उनसे सिर्फ एक ही सवाल पूछते थे कि क्या आपने भगवान को देखा है ? साल 1881 में उनकी मुलाकात स्वामी रामकृष्ण परमहंस से हुई और कुछ समय बाद उन्हें अपना गुरु स्वीकार कर लिया।

इसके बाद उनका नाम हो गया स्वामी विवेकानंद। स्वामी विवेकानंद ने शिकागो की विश्व धर्म महासभा मैं अपने भाषण के माध्यम से भारतीय संस्कृति को गर्व के साथ प्रस्तुत किया। स्वामी विवेकानंद का जीवन हमें आत्मविश्वास और आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। जीवन में जब भी आपका विरोध हो तो समझ लेना कि आप कुछ नया कर रहे हो यह आपको जीवन की समस्याओं से लड़ने में मजबूत बनाएगा।
“उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो। … स्वामी विवेकानंद
आत्मकथा- स्वामी विवेकानंद बायोग्राफी –
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3. महात्मा गांधी – अहिंसा का प्रतीक –
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था। महात्मा गांधी एक बैरिस्टर थे,उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए भारत की आजादी के लिए अनेक आंदोलन किए, उन्होंने अपना जीवन साबरमती आश्रम में एक साधारण व्यक्ति के रूप में बिताया। उनका जीवन सादगी, सत्य और आत्मबलिदान की मिसाल है।

उनका अहिंसात्मक संघर्ष आज भी पूरी दुनिया में एक उदाहरण है। उन्होंने अपनी आत्मकथा सत्य के प्रयोग के माध्यम से जीवन में सरलता और आत्मनिरीक्षण का महत्व बताया। उनका जीवन बताता है कि एक आम इंसान भी असाधारण कार्य कर सकता है।
आत्मकथा- My Experiments with Truth
4. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम – मिसाइल मैन –
कहते हैं कि ”तुम शिद्दत से चाहो तो सही – सफलता न मिली तो कहना,,
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम – तमिलनाडु में हुआ था। वे एक गरीब परिवार से थे उनका जीवन इतना संघर्ष भरा था कि शुरुआती दिनों में न्यूज़ पेपर बेचकर अपना गुजारा करते थे, लेकिन अपनी मेहनत से सपनों को ऊंची उड़ान दी। वे एक सफल वैज्ञानिक और भारत के राष्ट्रपति बने आज एपीजे अब्दुल कलाम करोड़ों युवाओं के आदर्श है ।

उनका जीवन हमें सिखाता है कि सपनों को साकार करने के लिए मेहनत और सिर्फ मेहनत ही हमारी सफलता की चाबी है। उन्होंने विज्ञान जगत, शिक्षा और देशभक्ति को एक नई दिशा दी। वे हमेशा युवाओं को प्रेरित करते रहे – ”सपने वो नहीं जो नींद में आए, सपने वो हैं जो आपको नींद से जगाएं,,
आत्मकथा- अग्नि की उड़ान – Wings of Fire
5. भगत सिंह – आजादी के दिवाने –

भगत सिंह एक ऐसा भारत वीर जो मात्र 23 वर्ष की आयु में हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गया। क्या जुनून रहा होगा उसका देश के लिए, शहीद भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब में हुआ था। उन्होंने भारत देश की आजादी के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई, और मात्र 23 साल की उम्र में 23 मार्च 1931 को उन्हें दोस्त सुखदेव और राजगुरु के साथ फांसी दे दी गई।
शहीद भगत सिंह का साहस और बलिदान युवाओं को जोश और ऊर्जा से भर देता है, उन्होंने ‘क्रांति’ को केवल हिंसा नहीं बल्कि विचारों का परिवर्तन बताया। भगत सिंह का जीवन हमें देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देता है और सीखाता है, देश के लिए एक देशभक्त का प्यार।
मैं नास्तिक क्यों हूं – पत्र संग्रह
आखिर में कुछ –
इन महान आत्माओं की आत्मकथाएं केवल कहानियाँ नहीं हैं, ये जीवन के ऐसे सबक हैं जो हमें सोचने, समझने और बदलने की प्रेरणा देते हैं। यदि आप जीवन में उलझे हुए हो आपके रास्ते साफ नहीं है कि आपकों जीवन में क्या करना है, कैसे करना है, समस्याएं आगे नहीं बढ़ने देती ? तो इन महापुरुषो को पढ़ने पर सब कुछ साफ हो जाएगा, इन महापुरुषों का जीवन आपके लिए किसी मार्गदर्शक दीपक से कम नहीं होगा।
हर युवा को चाहिए कि वह भारत भूमि में जन्मे इन महापुरुषों के जीवन से सीखे और अपने जीवन को एक नई दिशा दे।
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