EMI पर कार लेना आज के समय में एक ट्रेंड बन चुका है । कार लेना लोगों की जरूरत भी हो सकती है और शौक़ भी। वैसे आज कल के लोगों में घर में कार होना एक स्टेटस सिंबल की बात है ।EMI पर कार लेने से पहले आपको कुछ चीजों के बारे में जान लेना बहुत ज्यादा जरूरी है। जिससे आप बाद में होने वाले पछतावे से बच सकते हैं।
आजकल के दिखावे की दुनिया में कार लेना एक महत्वपूर्ण फैसला है। जो आपकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि EMI( Equated Monthly Installments) पर कार लेनी चाहिए या नहीं ? ध्यान रखने योग्य बातें.
EMI पर कार खरीदनी चाहिए या नहीं ?
आज के समय में ज्यादातर लोग कार शोरूम में जाते हैं और कुछ डाउन पेमेंट करके कार घर ले आते हैं। और अब हो गए वह गाड़ी के मालिक फिर समाज में रिश्तेदारों में उनकी अहमियत बढ़ जाती है, क्योंकि उनके पास गाड़ी है । लेकिन वह गाड़ी लोन पर आई है यह भार गाड़ी मालिक पर हमेशा बना रहता है। अगर गाड़ी मालिक की आर्थिक स्थिति अच्छी है, एक स्थाई इनकम है तब तो सही है क्योंकि गाड़ी की EMI समय से जाती रहेगी।
लेकिन फंसना उनका है जो लोगों को दिखाने के लिए अपनी हैसियत से बाहर निकलकर गाड़ी EMI पर ले आते हैं। कार घर पर आ जाने के बाद सिर्फ EMI ही एक खर्चा नहीं है। बल्कि गाड़ी की मेंटेनेंस, ईंधन का खर्च और गाड़ी के अन्य खर्च। सभी का खर्च उठाना होगा। तब जाकर कहीं आप गाड़ी चला पाओगे। लेकिन ज्यादातर लोग इतना नहीं सोचते हैं। बस उनको गाड़ी चाहिए, और फिर कभी कोई समस्या हो जाती है और वह EMI नहीं भर पाते हैं। जिससे उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
मतलब जब आपकी आर्थिक स्थिति सही हो और आपके लगे कि मैं एक गाड़ी खरीदने की हैसियत रखता हूं उसका खर्च वहन कर सकता हूं। पैसे का एक अच्छा बैकअप मेरे पास है। तो आप गाड़ी खरीदिए। लेकिन अगर आपकी आर्थिक स्थिति पहले ही उतार-चढ़ाव पर है तो आपको कोशिश करनी चाहिए एक साधारण जीवन जीने की, EMI पर गाड़ी को भूल जाइए।
EMI पर कार खरीदने के नुकसान :
1. डिफॉल्ट का डर : EMI पर गाड़ी खरीदने के बाद ज्यादातर लोग EMI में फंसकर रह जाते हैं, क्योंकि अब एक या दो EMI की तो बात नहीं है आपको लगातार लगभग दो या तीन साल तक हर महीने एक निश्चित दिनांक को EMI देनी पड़ेगी। अगर आपकी आर्थिक स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं है, और इन दो या तीन साल के बीच कभी कोई समस्या सामने आ जाती है तो हो सकता है आप EMI देने में चूक कर जाएं। यह डिफॉल्ट का डर हमेशा बना रहता है।
जो बैंक की नजर में आपको डिफाल्टर घोषित करता है और आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब हो जाता है जिससे भविष्य में आपको कोई भी वित्तीय संस्था या बैंक ऋण देने से मना कर देती है, खराब क्रेडिट स्कोर की वजह कुछ अन्य समस्याओं का सामना भी कर सकते हैं।
2. समाज में इज्जत का डर : यह एक ऐसा डर है जो ग्राहक अपने सिवा किसी दूसरे से बता भी नहीं सकता , क्योंकि नई गाड़ी लाने पर उसने समाज में जो इज्जत बनाई है। अगर भविष्य में वह EMI चुकाने में असमर्थ हो जाता है । तो बैंक उचित कार्यवाही करके ग्राहक से गाड़ी जब्त कर सकता है। जो समाज में ग्राहक की इज्जत को धूमिल कर सकता है।
3. EMI का तनाव और अधिक राशि का भुगतान : सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की ब्याज दर अलग-अलग होती है। और यह ग्राहक के अप्रूवल पर भी निर्भर करता है कि बैंक उसको क्या ब्याज दर दे रहा है। जिससे ग्राहक को बैंक की असल कीमत से कहीं ज्यादा पैसे बैंक को चुकाने पड़ते हैं। और हर महीने जाने वाली EMI का तनाव बना रहता है।
उदाहरण के लिए : अगर कार की कीमत 15 लाख रुपए है और आप 5 साल के लिए लोन लेते हैं। जिसकी ब्याज दर लगभग 9% है , तो ग्राहक को मासिक EMI 31138 देनी होगी। और इन पांच सालों में लगभग 3 लाख 68000 की अधिक राशि का भुगतान करना होगा।
EMI पर कार खरीदते समय ध्यान देंने योग्य बातें :
1. प्रोफाइल का विश्लेषण : गाड़ी खरीदते समय कभी भी जल्दबाजी न करें। सबसे पहले आपको शांति से अपनी प्रोफाइल का विश्लेषण करें, जैसे आपका क्रेडिट स्कोर क्या है, आपके पास कितने दायित्व है, और कितनी EMI आप हर महीने चुका सकते हैं। ध्यान रहे EMI के साथ ही गाड़ी के अन्य खर्चो को भी जोड़ ले। जैसे ईंधन मेंटेनेंस आदि।
2. ब्याज दर की तुलना करें : अलग-अलग बैंकों और वित्तीय कंपनियों की ब्याज दर अलग-अलग हो सकती है, ब्याज दर आपकी प्रोफाइल पर भी निर्भर करती है, कि आपकी प्रोफाइल क्या है और बैंक आपको किस ब्याज दर पर लोन देने को तैयार है। पहले अच्छे से छानबीन करें कि सबसे कम ब्याज दर कौन सा बैंक आपकी प्रोफाइल पर दे रहा है। उसके बाद आगे की कार्यवाही को बढ़ाए।
3. डाउन पेमेंट अधिक करें : कार लोन लेते समय जितनी ज्यादा आप डाउन पेमेंट करेंगे आपको उतना ही ब्याज कम देना पड़ेगा और EMI भी कम आएगी, जिससे आपको लोन चुकाने में आसानी रहेगी। और आप कार लोन से जल्दी ही मुक्त हो पाओगे।
4. अन्य चार्ज पर ध्यान दें : एग्रीमेंट साइन करते समय लोन से संबंधित सभी नियमों को अच्छे से पढ़े। जिसमें प्रोसेसिंग फीस लोन प्री क्लोजर चार्जेस एवं अन्य शुल्क अच्छे से चेक करें। हो सके तो यह सभी जानकारी आप पहले से प्राप्त कर ले।
5. डेप्रिशिएशन का नुकसान : गाड़ी खरीदने के बाद सबसे बड़ी समस्या होती है गाड़ी की कीमत में दिन प्रतिदिन गिरावट। जो गाड़ी के शोरूम से बाहर निकलते ही शुरू हो जाती है। गाड़ी के दाम में गिरावट का ध्यान रखें। पुरानी गाड़ी भी आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकती है।
आखिर में कुछ : EMI पर गाड़ी खरीदना सभी का एक व्यक्तिगत फैसला है, जो सभी लोगों का अलग-अलग हो सकता है क्योंकि सभी की ज़रूरतें अलग-अलग है। साथ ही EMI पर कार खरीदने का फैसला सभी की वित्तीय स्थिति,भविष्य की योजना और उनकी जरूरतों पर निर्भर करता है। अगर आपकी आर्थिक स्थिति अधिक बेहतर है तो आप एकमुश्त भुगतान करके भी गाड़ी खरीद सकते हैं,जो की एक अच्छा विकल्प है।