पुलिस अधिकारियों के कंधे पर जो रस्सी या डोरी बंधी होती है, उसे "लान्यार्ड" या "व्हिसल कॉर्ड" कहा जाता है।

पुलिस अधिकारियों के कंधे पर जो रस्सी या डोरी बंधी होती है, उसे “लान्यार्ड” या “व्हिसल कॉर्ड” कहा जाता है। यह रस्सी न केवल उनके यूनिफॉर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि इसका व्यावहारिक उपयोग भी है। यह परंपरा और कार्यक्षमता दोनों को दर्शाता है।

व्हिसल को सुरक्षित रखना: लान्यार्ड का मुख्य उद्देश्य पुलिस अधिकारी की सीटी (व्हिसल) को एक निश्चित स्थान पर सुरक्षित रखना होता है। यह डोरी उनके कंधे पर लटकी होती है, और इसका दूसरा सिरा सीटी से जुड़ा होता है। जब भी अधिकारी को अपनी सीटी का उपयोग करना होता है, तो वह उसे आसानी से निकाल सकते हैं, और फिर बिना खोए या गिरे, वापस रख सकते हैं। इससे सीटी को आसानी से खोने या गिरने से बचाया जा सकता है।

सिग्नल देने में सुविधा: पुलिस अधिकारियों को अक्सर भीड़ नियंत्रण, यातायात व्यवस्था, या किसी आपात स्थिति में तुरंत सिग्नल देने की जरूरत होती है। सीटी का उपयोग करके वे तुरंत और स्पष्ट रूप से सिग्नल दे सकते हैं। लान्यार्ड के कारण सीटी हमेशा उनके पास रहती है, जिससे वे इसे जल्दी और आसानी से उपयोग कर सकते हैं।

यूनिफॉर्म की पहचान: लान्यार्ड और व्हिसल कॉर्ड भी पुलिस यूनिफॉर्म का एक पारंपरिक और प्रतिष्ठित हिस्सा है। यह अनुशासन, संगठन और पहचान का प्रतीक है। पुलिस अधिकारियों की वर्दी में लान्यार्ड का होना उनकी पेशेवर पहचान को भी मजबूत करता है।

परंपरा और गौरव: कई देशों में, विशेष रूप से भारत में, पुलिस की वर्दी के हिस्से के रूप में लान्यार्ड का उपयोग एक लंबी परंपरा का हिस्सा है। यह सम्मान और गौरव का प्रतीक है, जो दर्शाता है कि पुलिस बल में शामिल होने के साथ-साथ एक अधिकारी का व्यवहार, कार्यशैली, और अनुशासन भी महत्वपूर्ण है।

    समग्र रूप से, लान्यार्ड या व्हिसल कॉर्ड पुलिस यूनिफॉर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कार्यक्षमता और परंपरा दोनों को संतुलित करता है। यह न केवल पुलिस अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने में मदद करता है बल्कि उनकी पेशेवर पहचान को भी उजागर करता है।

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