दुनिया भारत को मसालो की धरती की तरह दिखती है। ओरिया सच भी है दक्षिण भारत की पश्चिमी घाटी मसाले की सबसे बड़ी उपजाऊ जमीन है। सबसे ज्यादा मसाले का उत्पादन और निर्यात भारत से ही होता है।(IBEF) के मुताबिक 2023 और 24 में भारत ने 3.67 मिलियन डॉलर यानी करीब 30 हजार करोड रुपए के मसाले का निर्यात किया।
मसाले हिंदुस्तानी रसोई की शान है। मसाले के बिना नॉनवेज या वेज कोई भी खाना स्वादिष्ट नहीं बन सकता।
मसाले हमारे खाने में खुशबू ही नहीं बल्कि स्वाद में चार चांद लगा देते हैं। शादी मसाले इम्यूनिटी और पाचन तंत्र को तंदुरुस्त रखने तक का काम करते हैं।
लेकिन हाल ही में भारत के दो प्रमुख मसाले के ब्रांड एवरेस्ट एमडीएच प्रोडक्ट क्वालिटी सिंगापुर हॉन्ग कोंग मैं उठे सवालों ने सब की चिंता बढ़ा दी। जांच के दौरान इन मसाले में एथिलीन ऑक्साइड नाम का तत्व पाया गया है। जो बहुत ही खतरनाक होता है। केमिकल ही कैंसर का कारण बन सकता है।
जिन मसाले को हम आंख मूंद कर अपने खाने में इस्तेमाल कर रहे थे। अब पता चला कि वह खाने को स्वादिष्ट बनाने की बजाय हमारे शरीर को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का घर बना रहे थे।।
हमें बाजार के मसाले खरीदने की बजाय खुद ही घर पर मसाले बनाने चाहिए क्योंकि यह स्वादिष्ट और सुरक्षित दोनों होंगे।
घर पर बने मसाले पूरी तरह केमिकल फ्री हो होते हैं। खाने में शामिल करने से किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती।
खुले में बिकने वाले पिसे हुए मसाले खरीदने से बचना चाहिए।
खुले में विक्रय मसाले ही नहीं बल्कि अब तो सो कॉल्ड ब्रांड के मसाले पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता। अगर आपके आसपास या शहर में कोई महिला घर पर छोटा-मोटा मसाले का बिजनेस करती है तो आप उसे मसाले पर भी यकीन कर सकते हैं। लेकिन मांस प्रोडक्शन वाली कंपनी प्रोडक्ट को लेकर थोड़ा सजक रहे।
कोई भी प्रोडक्ट को खरीदते समय उसे पर लगे लेवल पर FSSAI का लाइसेंस नंबर जरुर चेक करें।
पर प्रतिष्ठित दुकानों से ही साबूत मसाले खरीदे। और घर पर साफ करने के बाद उसे घर पर ही पीछे क्योंकि साबुत मसाले में मिलावट की संभावना हो ही नहीं सकती।
जो मसाले अधिक चमक वाले होते हैं उन्होंने नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि इनमें मिलावट होने की आशंका ज्यादा होती है
Neetu Rana content writer