परीक्षा पत्रों के लीक होने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए लोकसभा में मंगलवार 6 फरवरी 2024 को संसद में सार्वजनिक परीक्षा/अनुचित साधनों की रोकथाम विधेयक 2024 पेश किया गया । यह बिल परीक्षा में नकल और पेपर लीक पर शिकंजा कसने के लिए पेश किया गया है। इस बिल का पूरा नाम public examinations/prevention of unfair means Bill 2024 है ।
इस बिल में कहा गया है। अगर कोई व्यक्ति या संस्था सार्वजनिक परीक्षा के पेपर लीक या परीक्षा कॉपियों के साथ छेड़छाड़ का दोषी पाया जाता है, तो उसे 5 से 10 साल की सजा और एक करोड रुपए का जुर्माना देना पड़ेगा।
अगर कोई विद्यार्थी नकल या पेपर लीक में लिफ्ट पाया जाता है तो उसे 3 से 5 साल की सजा और लगभग 10 लाख का जुर्माना हो सकता है।
अगर कोई संस्था प्रश्न- पत्र लीक -धोखाधड़ी, की दोषी पायी गयी। तो उस संस्था की सारी संपत्ति जप्त कर ली जाएगी और परीक्षा का पूरा खर्च उस संस्था को देना होगा।
केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन ने कहा अभी परीक्षाएं उम्मीदवारों के ज्ञान और मानसिक स्तर का निरीक्षण करना चाहती है। किसी एक व्यक्ति/समूह को इस धोखाधड़ी से लाभ होता है,तो वह राष्ट्र के विकास के लिए अच्छा नहीं है। हो सकता है वह अच्छे अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण कर ले ,लेकिन देश के विकास में कोई सहयोग करने में सक्षम नहीं हो सकता। ….हम 2047 तक सक्षम नागरिक चाहते हैं । अनुचित लाभ पर रोक लगाने के लिए हमें यह बिल लाना होगा।
यह बिल अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा ।अगर यह बिल राज्यसभा से पारित हो जाता है उसके बाद कानून मंजूरी के लिए यह बिल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास सहमति के लिए जाएगा। इसके बाद यह बिल कानून का रूप ले लेगा।
कितनी परीक्षाएं बिल के दायरे में होंगी –
अगर यह बिल कानून का रूप ले लेता है तो इसके अंतर्गत निम्नलिखित परीक्षाएं आएगी।
› यूपीएससी
› एसएससी
› रेलवे भर्ती बोर्ड
› बैंकिंग परीक्षाएं
› NEET- मेडिकल और
› इंजीनियरिंग समेत कई परीक्षाएं इसके दायरे में रहेंगी।
फिलहाल,अगर यह बिल कानून बनता है तो यह एक्ट दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं पर लागू नहीं होगा। क्योंकि कई राज्यों में प्रश्न पत्र- नकल को लेकर अपने अलग कानून बनाए गए हैं।
कौन करेगा धोखाधड़ी/ मामले की जांच –
इस विधेयक के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर जमानती होंगे इसका मतलब है पुलिस को अपने स्तर पर कार्रवाई करने का पूरा हक होगा और बिना वारंट के संदिग्धों को हिरासत में लेने का अधिकार होगा।
जानते हैं नकल के मामलों की जांच कौन करेगा। इस सवाल पर यह बिल कहता है पुलिस उपाधीक्षक, सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी ही इस बिल के तहत जांच कर सकेंगे।इस बिल के तहत सरकार के पास अधिकार रहेगा प्रश्न पत्र लीक -धोखाधड़ी, नकल के मामलों की जांच सीबीआई से करा सके।
बिल का युवाओं पर असर –
धोखाधड़ी विरोधी यह बिल सरकार और परीक्षार्थियों के लिए सही साबित हो सकता है। पिछले लगभग 7 सालों में देश के अलग-अलग राज्य में लगभग 70% परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। इसका असर लगभग करोड़ युवाओं के भविष्य पर हुआ है । देश में गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में लगभग 14 14 ऐसे मामले सामने आए हैं जिन परीक्षाओं का पेपर लीक हुआं । और बोर्ड परीक्षाओं के पेपर तो बड़े पैमाने पर लीक हुए। जो विद्यार्थियों को ऑनलाइन कुछ हजार रुपए में बेचे जा रहे थे । यह बिल अगर कानून बनता है। अपने सपने को साकार करने के लिए लगे हुए युवाओं के लिए यह वरदान साबित हो सकता है पेपर लीक नकल जैसी समस्याओं का सामना शायद उन्हें कम करना पड़े। देश में पेपर लीक नकल धोखाधड़ी भी युवाओं के लिए चिंता का एक बड़ा विषय है। शायद इस बिल के आने के बाद काम हो।