पर्सनल फाइनेंस का सीधा मतलब आपके तनाव मुक्त और खुशहाल भविष्य को अनलॉक करने की चाबी से है। पर्सनल फाइनेंस पर जानकारी प्राप्त करने से मतलब है कि आप अपने भविष्य की खुशहाली के लिए सतर्क है। जो होना भी चाहिए । पर्सनल फाइनेंस की गहन जानकारी प्राप्त करने से आपको फाइनेंशियली स्वतन्त्रता मिल सकती है ।अगर आप अपने जीवन में फाइनेंशली फ्री होना चाहते हैं या पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी गहन जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप सही लेख पर आए हैं इस लेख में हम पर्सनल फाइनेंस का सही अर्थ पर्सनल फाइनेंस का आपके जीवन में महत्व और पर्सनल फाइनेंस प्लानिंग आदि पर विस्तार से बात करेंगे जिससे आप पर्सनल फाइनेंस को अच्छे से मैनेज करके अपना जीवन तनाव मुक्त और खुशहाल बना सके ।
पर्सनल फाइनेंस का क्या अर्थ है ?
पर्सनल फाइनेंस का अर्थ है व्यक्ति की व्यवसायिक,आर्थिक और उसके धन के प्रबंधन से जुड़ा हुआ क्षेत्र, इसमें व्यक्ति अपने आय और व्यय को को ध्यान में रखते हुए अपने धन को सुधारने और व्यापारिक गतिविधियों को संभालने का प्रयास करते हैं। यह उस व्यक्ति की वित्तीय प्लानिंग जैसे रोजगार, बजटिंग रिटायरमेंट प्लानिंग, टैक्स मैनेजमेंट, और निवेश आदि के नियमित अध्ययन और उपाय को दर्शाता है यह व्यक्ति को अपने धन को सही दिशा में बढ़ाने, सुरक्षित रखने और व्यापारिक गतिविधियों में सही निर्णय लेने में मदद करता है। पर्सनल फाइनेंस की अच्छी आदतें व्यक्ति को वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
पर्सनल फाइनेंस का जीवन में महत्व : पर्सनल फाइनेंस एक ऐसा विषय है जो आपके जीवन को एक नई दिशा दे सकता है पर्सनल फाइनेंस का महत्व हमारे जीवन में उसी तरह है जैसे पौधों के लिए पानी। पर्सनल फाइनेंस व्यक्ति को अपने धन की स्थिति को सुधारने सुरक्षित रखना और आर्थिक लक्षण को प्राप्त करने में मदद करता है। पर्सनल फाइनेंस की भूमिका विभिन्न कर्म से महत्वपूर्ण है जिनमें से सभी नीचे सूचीबद्ध है :
★ सफल पर्सनल फाइनेंस प्लानिंग के साथ, कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में वित्तीय स्थिरता बनाए रख सकता है और अचानक से आने वाले वित्तीय संकट की रोकथाम कर सकता है।
★ पर्सनल फाइनेंस व्यावसायिक गतिविधियों को सही दिशा देने कर्ज कम करने ,लोन एवं अन्य वित्तीय प्लानिंग को एक रणनीति के साथ मैनेज करने के लिए भी सशक्त बनाता है।
★ पर्सनल फाइनेंस लगातार प्लानिंग करके और उनके लिए काम करके कम – समयावधि वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
★ सही वित्तीय प्लानिंग आपको संपत्ति और व्यापार बढ़ाने आर्थिक विकास सुनिश्चित करने की अनुमति देता है इन्वेस्टमेंट के माध्यम से कोई भी कंपाउंडिंग रिटर्न के लाभ प्राप्त कर सकता है।
★ आखिर में पर्सनल फाइनेंस लोगों को अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने और जीवन को पूरा करने वाले कई अनुभव का आनंद देकर जीवन की दिशा में सुधार करता है।
पर्सनल फाइनेंस के भाग :
व्यक्तिगत वित्त,पर्सनल फाइनेंस व्यक्ति के आर्थिक प्रबंधन को संबोधित करता है यह कई प्रकार के क्षेत्रों (भागो) इंक्लूड करता है जो व्यक्ति के रोजगार, बचत, निवेश और ऋण (Debt) के प्रबंधन से संबंधित होते हैं यहां कुछ प्रमुख पर्सनल फाइनेंस के भाग बताए गए हैं।
★ रोजी-रोटी (इनकम)
ज्यादातर लोग अपनी आय का मूल्य रोजगार से प्राप्त करते हैं पर्सनल फाइनेंस में यह बहुत महत्वपूर्ण होता है कि आपका रोजगार स्थाई और सुरक्षित है या नहीं। आपके व्यापार या नौकरी का स्थाई और सुरक्षित होना आपकी रोजी-रोटी (इनकम)के लिए अहम भूमिका निभाता है।
★ इमरजेंसी फंड :
पर्सनल फाइनेंस में एक सुरक्षित बचत खाता बनाए रखना महत्वपूर्ण है जिसमें आप अपने घर के खर्च के लिए पैसे इकट्ठा कर सकते हैं जिसे इमरजेंसी फंड कहते हैं । आप बचत खाते में छोटी-छोटी अमाउंट जमा करके एक व्यापक इमरजेंसी फंड तैयार कर सकते हैं। जो आर्थिक तंगी के समय वरदान साबित होता है।
★ क्रेडिट कार्ड /लोन मैनेजमेंट
क्रेडिट कार्ड आपके लिए वरदान साबित हो सकता है और मुसीबत भी हमेशा अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान समय से करते रहे। अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड का प्रबंधन अच्छे से करते हैं तो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के साथ-साथ पर्सनल फाइनेंस प्लानिंग भी मजबूत बनी रहेगी।
लोन मैनेजमेंट जैसे पर्सनल लोन, होम लोन, कार लोन या एजुकेशन लोन इन सभी को सही तरह से मैनेज करना व्यक्ति की सफल फाइनेंशियल प्लानिंग हो सकती है। अगर आप अपनी लोन ईएमआई को सही तरीके से भुगतान करते हैं तो आपकी पर्सनल फाइनेंस का मुख्य हिस्सा मजबूत बना रहेगा।
★ निवेश (इन्वेस्टमेंट)
निवेश का अर्थ उस पैसे को लगाने की प्रक्रिया से है जो समय के साथ-साथ रिटर्न जनरेट करने के लिए काम करेगा, यानी निवेश का सीधा मतलब है जितना पैसा आप निवेश करते हैं वह पैसा आपके लिए काम करेगा और आपको रिटर्न जनरेट करके देगा।
इसके लिए आपको म्युचुअल फंड, स्टॉक मार्केट, रिटायरमेंट प्लांस, बॉन्ड और रियल स्टेट सहित इन्वेस्टमेंट के सभी विकल्पों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। निवेश का विकल्प रिस्क लेने की क्षमता और निवेशक की आयु पर निर्भर करता है कि वह आपको कितना लाभ देगा।
★ व्यक्तिगत वित्त सर्विसेज
› रिटायरमेंट पेंशन प्लानिंग सर्विसेज
› बैंकिंग सेवाएं
› लाइफ इंश्योरेंस
› पर्सनल फाइनेंस एजुकेशन
› टैक्स प्लैनिंग
› संपत्ति प्लानिंग सर्विसेज
› इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म
› क्रेडिट काउंसलिंग सर्विसेज
› फाइनेंशियल लक्ष्य
पर्सनल फाइनेंस (वित्त) प्लान
पर्सनल फाइनेंस का सफलतापूर्वक प्रबंधन करने के लिए कुछ मुख्य रणनीतियों का पालन करना होगा। जो नीचे सूचीबद्ध है।
★ बजट की योजना बनाएं
एक मासिक बजट बनाएं जिसमें आप अपनी आने वाली आय (इनकम) और ( खर्च) को को साफ तौर पर रख सके बजट बनाकर आप अपने खर्चों को ट्रैक करें जिन्हें वर्गीकृत करना होगा आप आसानी से समझ सकेंगे की आप किस क्षेत्र में अधिक खर्च कर रहे हैं और आपकी इनकम मुख्यतः कितनी है।
★ कर्ज की सीमा कम करें और खर्च कम करें।
हमेशा खर्चा अपनी आय के अनुसार ही करें अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो एक समय में आप एक बड़ी आर्थिक तंगी का सामना कर सकते हैं। केवल उतना ही उधार ले जितना आप चुका सकते हैं बड़ी मात्रा में ऋण लेना आपके लिए पुनर भुगतान में मुश्किल पैदा कर सकता है उसे कर्ज में शामिल होने से बच्चे जो आपके वित्त साधनों से परे हैं।
उदाहरणार्थ :-
किसी व्यक्ति की मासिक आय 70 हजार है और उसकी मासिक खर्च 85 हजार रुपए है तो इस असंतुलन की निरंतरता एक समय में बड़ी आर्थिक तंगी को जन्म देगी , ऐसी स्थिति से बचे।
★ बीमा अवश्य खरीदे
व्यक्तिगत वित्त पर्सनल फाइनेंस के प्रति सचेत व्यक्ति को बीमा पॉलिसी अवश्य लेनी चाहिए। क्योंकि बीमा पॉलिसी आपके बजट को बिगड़ने से बचाती है बीमा पॉलिसी आप अनेक प्रकार की ले सकते हैं जीवन बीमा पॉलिसी , हेल्थ बीमा पॉलिसी, सेविंग बीमा पॉलिसी और अन्य बीमा भी आप कर सकते हैं जैसे दुकान ,फैक्ट्री या संपत्ति बीमा जो आपको वित्तीय समस्याओं से बचाएगा और आपके मन और व्यापार को स्थिर रखेगा।
★ अपने क्रेडिट स्कोर के प्रति सतर्क रही
अपने क्रेडिट स्कोर के प्रति हमेशा सतर्क रहे और समय-समय पर अपना क्रेडिट स्कोर चेक करते रहे बेहतर लोन और बैंक से लेनदेन के लिए आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होना महत्वपूर्ण है।
हमेशा क्रेडिट स्कोर में बेवजह की इंक्वारी से बचे अपना क्रेडिट स्कोर अच्छा बनाए रखे ।
★ अपनी सैलरी या इनकम का एक हिस्सा निवेश करें।
अपनी मासिक सैलरी या इनकम का एक हिस्सा हमेशा निवेश करने में लगे आप यह निवेश राशि अपने अनुसार फिक्स भी कर सकते हैं निवेश करने के लिए आप अलग-अलग प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे म्युचुअल फंड्स फिक्स्ड डिपॉजिट स्टॉक मार्केट एक गहन अध्ययन के साथ रियल एस्टेट इत्यादि में निवेश करके आप अपने धन को बढ़ा सकते हैं। निरंतर निवेश करना आपको समय के साथ बढ़ने वाले खर्चों के लिए एक अच्छा माध्यम प्रदान करेगा।
★ अपनी इनकम को जाने
पर्सनल फाइनेंस व्यक्तिगत वित्त का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा आपका इनकम के स्रोतों की समझ प्राप्त करना है। वित्तीय प्लानिंग का यह अहम हिस्सा है । अपनी सैलरी व्यावसायिक इनकम इन्वेस्टमेंट रिटर्न अन्य आय स्त्रोतों (अगर कोई है) पर विचार करें अपनी इनकम को जानने के बाद आप पर्सनल फाइनेंस प्लानिंग पर एक अच्छा निर्णय ले पाएंगे।
पर्सनल फाइनेंस करियर
पर्सनल फाइनेंस के क्षेत्र में कैरियर बनाना काफी महत्वपूर्ण और प्रतिबद्ध हो सकता है। खासकर अगर आपको आर्थिक मामले में लोगों की मदद करना पसंद है । तो कुछ करियर ऑप्शन हम यहां दे रहे हैं जो पर्सनल फाइनेंस में आपके लिए उपलब्ध होते हैं।
› फाइनेंशियल सलाहकार या प्लानर
› पर्सनल बैंकर
› इंश्योरेंस सलाहकार
› टैक्स कंसलटेंट
› फाइनेंशियल ब्लॉगर या लेखक
› फाइनेंशियल एनालिस्ट
› वित्तीय कोच या एजुकेटर
› पर्सनल फाइनेंस सलाहकार आदि।
निष्कर्ष
पर्सनल फाइनेंस किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक ऐसा विषय है। जो उसकी बैकबोन (रीढ़) होती है अगर वह शुरुआती दिनों से ही अपनी पकड़ पर्सनल फाइनेंस पर रखता है तो उसके खुशहाल और सफल भविष्य के अनुमान बढ़ जाते हैं। हमने इस लेख में पर्सनल फाइनेंस पर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी है आशा करते हैं आपको ये जानकारी पसंद आएंगी ओर आप पर्सनल फाइनेंस पर अपनी पकड़ बना पायेंगे और अपना भविष्य उज्जवल करेंगे।
धन्यवाद्