हमें दूध क्यों नहीं पीना चाहिए

प्रोस्टेट कैंसर

दूध और पनीर को प्रोस्टेट कैंसर के विकास के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है । लेकिन डायरी मुक्त और उन्हें इसकी प्रगति धीमी करने के लिए दिखाया गया है।

लैक्टोज असहिष्णुता।

गाय के दूध में लैक्टोज लोगों को पचाने में मुश्किल हो सकता है जिसके परिणाम स्वरुप मतली एंटीन गैस सूजन और दस्त हो सकते हैं डायरी पाचन के साथ कठिनाइयां जीवन में बाद में विकसित हो सकती है और परिणाम स्वरुप लक्षण बिगड़ सकते हैं।

मुहासे।

कई अध्ययनों में सभी प्रकार की डायरी उत्पाद को की खपत लड़कियों और लड़कियों दोनों में मुंहासे की बढ़ती व्यापकता और गंभीरता से जोड़ी थी।

कोलेस्ट्रॉल।

दूध की एक अंकल सेवा में 24 मिलीग्राम दिल को नुकसान पहुंचाने वाले कोलेस्ट्रॉल हो सकते हैं पूछो का एक अंकल और ओशो औस 30 मिलीग्राम पैक करता है लेकिन किसी भी पौधे के भोजन में कोई कोलेस्ट्रॉल  नहीं होता।

डिम्बग्रंथि के कैंसर।

एक स्वीडिश अध्ययन से पता चला कि जो महिलाएं प्रत्येक दिन डेरी उत्पादन को की चार या अधिक सर्वेग्स का सेवन करती है वह सीरियस दिन क्रांति के कैंसर के विकास की संभावना दुगनी होती है।

दूध से एलर्जी।

लैक्टोज एसिडिटी की तुलना में एक अलग जानवर दूध एलर्जी संभावित रूप से मजबूत और खतरनाक प्रतिक्रियाएं आमतौर पर छोटे बच्चों में पैदा कर सकती है जैसे की उल्टियां एंड एनाफिलेक्स ।

एंटीबायोटिक।

गायों को अक्सर एंटीबायोटिक दवाइयां से भरा रखा जाता है ताकि उन्हें जीवित रखा जा सके और गंदे कारखाने के खेत में दूध का उत्पादन किया जा सके हम एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया में वृद्धि के लिए उनके इस बड़े पैमाने पर अति प्रयोग का धन्यवाद कर सकते हैं जब मानव इन सुपर बॉक्स से संक्रमित होते हैं तो एंटीबायोटिक दवाई योग का प्रभाव सबसे कम हो जाता है और सबसे कम शक्तिहीन होता है।

संतृप्त वसा।

पूरे दूध की एक एकल सेवा में संतृप्त वास के अनुशासित दैनिक भत्ता का 20% से अधिक हो सकता है यदि आप पूरे दूध की तीन  का उपयोग करते हैं तो आप दिन के लिए पहले से ही 60% पर है कोई भी खाना खाने से पहले पनीर और हावर्ड की रिपोर्ट पिज़्ज़ा और पनीर भारतीय आहार में वसा का सबसे बड़ा खाद्य स्रोत है।

वजन बढ़ाना।

उद्योग के दावों के बावजूद 12000 से अधिक बच्चों के एक अध्ययन से पता चला कि जितना अधिक दूध उन्होंने पिया उतना अधिक वजन और स्कीम और एक प्रतिशत दूध वास्तव में दो प्रतिशत या पूरे दूध पीने की तुलना में अधिक वजन बढ़ाने के लिए दिखाई दिया अध्ययन में  पाया गया कि दूध के साथ सोडे‌ को प्रतिस्थापित करने से वजन कम नहीं हुआ।

कॉमन सेंस।

मनुष्य के अलावा कोई भी प्रजाति दूध पीने की अपनी प्राकृतिक उम्र से प्रिया किसी अन्य प्रजाति का दूध नहीं पीती है गाय को बछड़ों की पोषण संबंधित जरूरत के अनुकूल होता है जिनके पेट में चार महीने होते हैं और कुछ महीनो में सैकड़ो फाउंड मिलते हैं कभी-कभी उनका वजन 2 साल के होने से पहले 1000 पाउंड से अधिक होता है गाय का दूध मनुष्य की पोषण संबंधी आवश्यकताओं के अनुर अप नहीं है इसलिए यह कोई आश्चर्य नहीं है कि इसका सेवन और इसके  उत्पन्न होने से हमें बहुत सारी समस्याएं होती है।

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