जानिए आइंस्टीन और उसके ड्राइवर की कहानी।

 

आइंस्टीन के जो ड्राइवर थे। उन्होंने 1 दिन आइंस्टीन से कहा सर आप हर सभा में जो भाषण देते हैं वह मैंने याद कर लिया है।

 

यह सुनकर आइंस्टीन हैरान रह गए

 

फिर आइंस्टीन ने कहा, ठीक है, मैं अगली बैठक में जा रहा हूँ। वे लोग मुझे नहीं जानते आप मेरे स्थान पर भाषण दीजिए और मैं आपका ड्राइवर बनूँगा,आइंस्टीन ने कहा।

अगले दिन ऐसा ही हुआ बैठक में ड्राइवर मच पर चढ़ गया और ड्राइवर ने हूँबहू आइंस्टीन का भाषण देने लगा।

 

सभी दर्शकों ने जमकर तालियां बजाईं फिर वह यह सोचकर गाड़ी के पास आए की ड्राइवर आइंस्टीन है।
तभी प्रोफेसर ने ड्राइवर से पूछा सर रिश्तेदार ने क्या कहा क्या आप एक बार फिर से दोबारा बताएंगे।

 

तभी आइंस्टीन ने देखा बड़ा खतरा।

 

उन्होंने सोचा इस बार ड्राइवर पकड़ा जाएगा, लेकिन ड्राइवर का जवाब सुनकर वह हैरान रह गए।

ड्राइवर ने उत्तर दिया क्या यह साधारण बात आपके दिमाग में नहीं आई ।

मेरे ड्राइवर से पूछिए, वह आपको समझाएंगे।

 

 

शीर्षक।

यदि आप बुद्धिमान लोगों के साथ चलते हैं। तो आप भी बुद्धिमान होगी और मूर्खों के साथ ही सदा उठोगे बैठोगे तो आप भी बुद्धिमता का स्तर और सोच भी उन्हीं की भाँति बन जाएगी

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