ज़िंदगी में सही और बुरे की पहचान क्यों जरूरी है।

जीवन में सही और बुरे को समझना एक महत्वपूर्ण कला है जो हमें अच्छे और बुरे के पहलुओं को समान दृष्टि से देखने में मदद करती है। आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे कुछ ऐसे ही तरीकों की जिनसे आप सही और बुरे की पहचान कर सकते हैं। क्योंकि जिंदगी में सही और बुरे की पहचान होना बहुत ज़रूरी है।

 

नेतृत्व की भूमिका खुद को नेतृत्वी स्थिति में रखें और जिम्मेदारी लें। नेतृत्व की भूमिका निभाने से आप स्थितियों को सही से समझ सकते हैं और उचित निर्णय ले सकते हैं।

सीख और विकसन हर स्थिति को एक सीख और विकसन का अवसर मानें। बुरी घटनाओं से सीखें और अपनी कमजोरियों पर काम करें।

अपनी मूल्यों का पालन करें आपकी मूल्यों और नैतिकता आपको सही और बुरे को समझने में मदद कर सकती हैं। अपने मूल्यों के अनुसार निर्णय लें और उन्हें बनाए रखें।

.सामंजस्य और विचारशीलता – एक घटना या स्थिति को सही या बुरा मानने से पहले, सामंजस्य और विचारशीलता बनाए रखें। क्या उसका पूरा परिप्रेक्ष्य है क्या अन्य लोगों की रायें हैं?

एकाग्रता और ध्यान ध्यान रखें कि हर स्थिति में सही और बुरा दोनों पहलुओं हो सकते हैं। इसके लिए ध्यानपूर्वक और एकाग्रता से जीवन को अनुभव करें।

 

सही और बुरे की पहचान।

 

एक समय की बात है, गाँव के एक छोटे से बच्चे का नाम राज था। वह बहुत ही जिज्ञासु और सोचने-समझने वाला था। एक दिन, उसने अपने बड़े भाई से पूछा, “भैया, सही और बुरे को कैसे पहचाना जा सकता है?”

भाई ने मुस्कराते हुए कहा, “राज यह एक बड़ा सवाल है और इसका उत्तर देना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन मैं तुझे एक कहानी से यह सिखा सकता हूं

 

 

एक समय की बात है, गाँव में एक बुढ़ा आदमी और उसका पोता रहते थे। बुढ़े आदमी की आँखें कमजोर थीं, लेकिन वह हमेशा मुस्कान और सकारात्मक भावना से भरी रहती थीं। एक दिन, उसका पोता उससे पूछता है, “दादा जी आप इतनी सुखी कैसे रह सकते हैं, जब आपकी आँखें ठीक से नहीं देखतीं

 

 

बुढ़े ने हंसते हुए जवाब दिया, “पुत्र, सही और बुरे को समझने का राज यही है कि हम अपनी भावनाओं को कैसे नियंत्रित करते हैं। जब मैं कुछ अच्छा महसूस करता हूँ, तो मैं वही चीज देखता हूँ जो सही है, और जब मुझे कुछ बुरा लगता है, तो मैं उसके पीछे छुपे सीधे सिद्धांतों की बजाय, उसमें से कुछ पॉजिटिव सीख निकालता हूँ।

 

 

राज ने बड़े भाई से कहा भैया मैं समझता हूँ। हमें अपनी भावनाओं को सही दिशा में रखकर देखना चाहिए ताकि हम सही और बुरे को समझ सकें।

इस कहानी के माध्यम से आप समझ गए होंगे सही और बुरे की पहचान जिंदगी में कैसे करें । सही और बुरे पहचानने के लिए आँखों की नहीं सही भावनाओं को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।

 

 

जिंदगी में सही और बुरे का ज्ञान होना अति आवश्यक है। क्योंकि अगर आपको सही और बुरे की पहचान नहीं होगी। तो आपको पता ही नहीं लगेगा जिंदगी में की आप सही के रास्ते पर चल रहे हो या फिर बुरे रास्ते पर। जिंदगी में सही का पता होना बहुत ही जरूरी है।क्योंकि यही है जो आपको सफलता की ओर ले जाता है।

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