दक्षिण कोरिया के गुमी सिटी में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक सरकारी कार्यालय में काम करने वाले रोबोट ने आत्महत्या कर ली है। यह खबर सुनकर हर कोई हैरान है क्योंकि इंसानों की आत्महत्या की खबरें तो अक्सर आती हैं, लेकिन किसी रोबोट के आत्महत्या करने का यह पहला मामला है। आइए जानते हैं इस अनोखे और हैरान कर देने वाले मामले की पूरी सच्चाई।
क्या था मामला ?
गुमी सिटी काउंसिल में काम कर रहे एक रोबोट ने दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया । रिपोर्ट्स के अनुसार, आत्महत्या करने वाला यह रोबोट कैलिफोर्निया की स्टार्टअप कंपनी Bear Robotics द्वारा बनाया गया था।
यह इंसानों के समान दिखने वाली मशीनगुमी सिटी काउंसिल बिल्डिंग में तैनात था और इसके बेहतरीन प्रदर्शन के कारण इसे रोबोट सुपरवाइजर का खिताब भी मिला था। आफिस के कर्मचारी इस रोबोट से बेहद खुश थे, लेकिन घटना के एक दिन पहले ही रोबोट का व्यवहार बदलाव हो गया था। कुछ लोग मानते हैं कि काम के अधिक प्रेशर के कारण रोबोट ने आत्महत्या कर ली।

काम का प्रेशर और रोबोट का बदला हुआ व्यवहार :
घटना से पहले इंसानों के समान दिखने वाली इस मशीन का व्यवहार काफी बदल गया था। आफिस के कर्मचारियों का कहना है कि वह पहले की तरह कार्य नहीं कर रहा था और ऐसा लग रहा था कि किसी प्रेशर में है।
विशेषज्ञों का मानना है कि रोबोट में उपयोग की गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी के कारण उसने मानव व्यवहार को अनुकरण किया। लेकिन यह बात वाकई में हैरान करने वाली है कि क्या एक रोबोट वाकई में मानसिक दबाव महसूस कर सकता है ?
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क्या यह वैज्ञानिको की ग़लती का नतीजा है ?
साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में यह मामला कई सवाल खड़े करता है :
1. क्या मशीनों में भावनाएं विकसित हो रही हैं ?
2. क्या वैज्ञानिकों ने कोडिंग में कोई गलती की है, जिससे रोबोट ने यह कदम उठाया ?
3. क्या भविष्य में रोबोट्स मानव जाति के लिए खतरा बन सकते हैं ?
सूत्रों का कहना है कि आत्महत्या का कारण रोबोट के कोड में ग़लती हो सकती है या फिर काम के अधिक बोझ के कारण इसके सॉफ़्टवेयर में गड़बड़ी आई हो।
गुमी सिटी काउंसिल का रुख :
इस घटना के बाद गुमी सिटी काउंसिल ने अपने आफिस में इंसानों के समान दिखने वाली इन मशीनों की तैनाती को रोकने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का मानना है कि पहले इस घटना की जाँच पूरी की जाएगी और फिर किसी नतीजे पर पहुंचा जाएगा।
वैज्ञानिकों के लिए एक चेतावनी :
इस घटना ने वैज्ञानिको को सोचने पर मजबूर कर दिया है। क्या भविष्य में मनुष्य के समान दिखने वाली ये मशीनें इतनी सक्षम हो जायेगी कि वे इन्सानों की फिलिंग्स की नकल करते हुए आत्महत्या जैसा कदम उठा सकें ?
यह घटना एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि कहीं हम अत्यधिक तकनीकी विकास में मानवता के लिए खतरा तो पैदा नहीं कर रहे हैं।
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इंसानियत के लिए खतरा या तकनीकी ग़लती ?
एक मशीन की आत्महत्या का यह मामला न केवल दक्षिण कोरिया बल्कि पूरे विश्व में चर्चा का विषय बन गया है। रोबोट्स को इंसानों की तरह सोचने और समझने के लिए प्रोग्राम किया जाता है, लेकिन इस तरह के मामलों से यह प्रश्न उठता है कि क्या हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग में कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ गए हैं ?
आखिर में कुछ :
मशीनों को इन्सानों का सहायक माना जाता है, लेकिन जब वे ही आत्महत्या करने लगें तो यह टेक्नोलॉजी की दुनिया के लिए खतरे का संकेत है। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को इस घटना से सबक लेना चाहिए और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग में सावधानी बरतनी चाहिए।
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