बाबा भागे नहीं है बाब उत्तर प्रदेश में ही है ‌। बाबा के वकील एपी सिंह का दावा,

हाथरस नारायण साकार उर्फ भोले बाबा को उनके अनुयाई पूजते हैं। उनका मानना है कि वह एक डॉक्टर है। इलाज करते हैं। भूत भागते हैं। भोले बाबा के समर्थक मानते हैं। कि वह जादू शक्ति वाले बाबा है। और उनकी इच्छाएं पूरी करते हैं। धर्मगुरु भोले बाबा ने हाथरस में सत्संग को संबोधित किया था। और इस सत्संग में भगदड़ मची। जिसमें बुधवार तक मरने वालों की संख्या 121 हो गई। उनके जादुई शक्तियों के कथित दावों के साथ सन 2000 में आगरा में गिरफ्तार किया गया था।

इंडिया एक्सप्रेसवे के अनुसार भोले बाबा ने तब कथित रूप से 16 वर्ष की एक लड़की का शव उनके परिवार से जबरदस्ती छीन लिया था। भोले बाबा का दावा था कि वह उसे वापस जीवित कर देंगे। और बाद में यह मामला बंद कर दिया गया था। सन 1990 में उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल के रूप में कासगंज से सेवा छोड़कर स्वयंभू धार्मिक उपदेश बनने के बाद। दो दशक के बाद काफी अनुयाई जुटा लिया। जो कम आय वाले दलित परिवारों से है।

भोले बाबा दलित परिवार से है। कई लोगों ने कहा कि भोले बाबा उनकी और आकर्षित होने के बाद यह थी कि वह दलित परिवार से थे। वह कोई प्रसाद भी नहीं मांगते थे। अपनी बहन तारामति के साथ सत्संग में आए। उर्मिला देवी ने कहा बाबा कुछ नहीं मांगते और ना ही कुछ लेते हैं। मैं अपने सत्संग में मैं झूठ ना बोलना मांस मछली अंडा ना खाने की सलाह देते हैं। विधवा तारामती घायलों में शामिल है। दोनों मैंने मथुरा के रहने वाली है।

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