अपनी जिंदगी में जो गलती बीत जाती है उनका पछतावा हमें बाद में होता है।।हम यह सोचते हैं। कि अगर हमने यह कार्य किया होता या न किया होता तो क्या होता और अगर हमने अपनी उस गलती को सुधार लिया होता तो आज अच्छा होता। आपको यह बात तो पता ही होगी। की जो बीत जाता है। वह फिर कभी वापस नहीं आता।चाहे फिर वह बीता हुआ कल हो या फिर कुछ और आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी महात्मा बुद्ध के द्वारा सुनाएंगे।

बीते हुए कल पर सोचना छोड़ दो क्योंकि बीता हुआ कल वापस नहीं आता।एक बार महात्मा बुद्ध एक गांव में प्रवचन दे रहे थे। अपने पास बैठे सभी आदमियों को अपनी मधुर वाणी से संबोधित करते हुए हर इंसान को धरती माँ की तरह और क्षमता, शील होना चाहिए।क्रोध भी मानव का विनाशक होता है। वह खुद को तो हानि पहुँचाता ही है और साथ में दूसरों को भी हानि पहुंचाएगा।।

इसलिए ही क्रोध इंसान का सबसे बड़ा विनाशक होता है। उसी सभा में एक क्रोधित इंसान भी मौजूद था। पहले तो वह है बुद्ध की बात सुनता रहा और फिर अचानक क्रोधित होकर बोला बोलते समय उसकी आंखें खून के समान लाल थी।उसने भगवान बुद्ध को कहा तुम ढोंगी हो यहाँ बैठकर लोगों को बेवकूफ बना रहे हो बस इसके अलावा और कुछ नहीं कर रहे। जो तुम बोल रहे हो यह सचमुच करना नामुमकिन है।

समझे असल जिंदगी में कहानी सुनाना बंद करो महात्मा और जहाँ से आये हो वहीं लौट जाओ।यह सब सुनकर महात्मा क्रोधित नहीं हुई वह शांत रहें और प्रवचन देते रहे। इसी कारण वह पुरुष और भी ज्यादा क्रोध मैं आ गया। ।अब उसी समझ में कुछ नहीं आया कि वह क्या करें तभी उस इंसान ने महात्मा के मुँह पर थूक दिया। और वहाँ से चला गया।जब अगले दिन उस व्यक्ति का क्रोध शांत हुआ। तो वह अपनी गलती का पछतावा करने लगा।

फिर उस इंसान ने सोचा की मुझे महात्मा से माफी मांगनी चाहिए। और वह महात्मा को ढूंढ़ते हुए उसी स्थान पर आ गया जहाँ वो प्रवचन दे रहे थे। उनके शिष्यों ने उस इंसान को महात्मा के पास आने से रोक दिया। तो महात्मा ने अपने शिष्यों को कहा कि इसे अंदर आने दो।वह पुरुष रोते हुए महात्मा के चरणों में गिर गया और उनसे माफी मांगने लगा।।उस इंसान ने महात्मा से पूछा, आप भूल गए हो मैं वही हूँ जिसने कल आप का अपमान किया था ।

महात्मा ने कहा कौन सी बात व्यक्ति बड़ी हैरानी से महात्मा की ओर देखता। महात्मा ने कहा, मैं तो बीता हुआ कल वही छोड़ आया जो बीत जाता है वह कभी वापस नहीं आता। बस हमें अपना आने वाला कल नहीं बिगाड़ना चाहिए तुमे अपनी भूल का एहसास हुआ यही बड़ी बात है।अपने आने वाले कल को सुधारने की कोशिश करो और खुद को बदलने की। महात्मा की बातें सुनकर उस व्यक्ति का मन बहुत हल्का हो गया और वह महात्मा जी की चरणों में गिर गया।

निष्कर्ष

बीते हुए कल को लेकर वर्तमान में उसका कभी पछतावा नहीं करना चाहिए आने वाले कल को सुधारने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि जो बीत जाता है, वह कभी लौटकर नहीं आता उसे बीते हुए कल को सोच सोच कर आप अपने आने वाले कल को भी खराब कर देते हो अगर आप लोगों को लगता है। की महात्मा बुद्ध की इस कहानी से आपको कुछ सीख मिली है तो अपने फ्रेंड ग्रुप को सैर जरूर करें।


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