Life Advice in hindiLife vs Money
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The Life Rules By Expert

Life Advice in Hindi – आज के दौर में, जहां खर्चे आसमान छू रहे हैं और कमाई सीमित है, पैसे बचाना एक बडी चुनौती बन गया है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सही फाइनेंशियल रणनीतियों को अपनाकर आप न केवल अपने खर्चों पर नियंत्रण लगा सकते हैं, बल्कि एक सुरक्षित भविष्य भी पक्का कर सकते हैं ?

इस लेख को को पढ़ने के बाद आपकी पूरी सोच ही बदल जाएगी ऐसा हम वादा करते हैं। फाइनेंस एक्सपर्ट Mary Hunt और लाइफ एक्सपर्ट का अनुभव आपको इस लेख में पढ़ने को मिलेगा। जो आपके लिए एक शानदार जिंदगी के दरवाजे खोल देगा।

Mary Hunt के 7 मनी रूल्स

1 – कमाई से कम खर्च करें- Spend Less Than You Earn

यह सबसे बुनियादी लेकिन महत्वपूर्ण नियम है। अपनी कमाई से कम खर्च करना ही फाइनेंस बेलेंस की पहली सीढ़ी है। इससे आप बचत कर सकते हैं और कर्ज से बच सकते हैं।

2 – भविष्य के लिए बचत करें – Save for the Future

मेरी हंट ने अपनी किताब में बचत करने का एक बेहतरीन तरीका बताया है अगर अपने जीवन में उसे फॉलो करते हैं तो आप वाकई में एक अच्छी बचत कर सकते हैं। जैसे ही आपकी कमाई अकाउंट में क्रेडिट होती है तो सबसे पहले आपको अपने आप को पेमेंट करनी है। जैसी आप एमी और अन्य खर्चो के लिए भुगतान करते हैं इस तरह सबसे पहले अपने आप को भुगतान करें इसके लिए आप अलग से सेविंग अकाउंट ओपन कर सकते हैं। म्युचुअल फंड या अन्य तरह की इन्वेस्टमेंट में निवेश कर सकते हैं।

उसके बाद ही आपको अपने अन्य खर्चो कब भुगतान करना है। ऐसा करने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आप यह नहीं कह सकेंगे की सेविंग के लिए मेरे पास पैसे ही नहीं बचते ध्यान रहे जैसे आप अन्य खर्चो का भुगतान करने के बाद नहीं सोचते इस तरह अपने आप को भी पूरी ईमानदारी से भुगतान करना है और यह तरीका एक दिन आपके पास अच्छी बचत का जरिया बन जाएगा।

3 – कुछ दान करें – Give Some Away

अपनी कमाई का एक हिस्सा दान करने से न केवल दूसरों की मदद होती है, बल्कि यह आपको संतोष और मानसिक शांति भी मिलती है। अपनी कमाई का कुछ परसेंट हमेशा दान करें।

4- अनियमित खर्चों की योजना बनाएं – Anticipate Irregular Expenses

कार की मरम्मत, मेडिकल बिल्स जैसे अनियमित खर्चों के लिए पहले से योजना बनाएं और उनके लिए अलग से बचत करें। ऐसे खर्चों का सामना करने के लिए आपको एक छोटा सा इमरजेंसी फंड बनाने की जरूरत है जिससे आप आसानी से उस सिचुएशन से निकल पाएंगे

5 – अपने पैसे को दिशा दें – Tell Your Money Where to Go

हर महीने बजट बनाएं और तय करें कि आपका पैसा कहां खर्च होगा। बजट बनाने के बाद आप अंदाजा लगा पाएंगे कि आपका पैसा सही जगह पर खर्च हो रहा है या नहीं और ऐसा करने से आप फिजूल खर्च से बच सकते हैं और अपने पैसे का सही जगह इस्तेमाल कर पाएंगे।

6 – अपने क्रेडिट को मैनेज करें – Manage Your Credit

क्रेडिट कार्ड और लोन का उपयोग सोच-समझकर करें समय पर भुगतान करें और अपने क्रेडिट स्कोर को अच्छा बनाए रखें। क्योंकि क्रेडिट स्कोर ही है जो आपकी बुरे समय में मदद करता है और आपको आसानी से लोन या क्रेडिट कार्ड मिल सकता है जिससे आप उस परेशानी से निपट पाएंगे जिसके लिए आपको पैसा चाहिए।

7 – केवल वही उधार ले जिसे आप आसानी से चुका सकते हैं – Borrow Only What You Know You Can Repay

एक सबसे जरूरी चीज जो आपको याद रखनी चाहिए और जीवन में अप्लाई भी करनी चाहिए। उधार लेते समय यह ध्यान रखें कि क्या आप उस कर्ज को समय पर चुका सकते हैं। अनचाहे कर्ज से बचें और दिखावे की जिंदगी से बाहर आए । आपको अपना जीवन अपनी आय के दायरे में रहकर ही जीना चाहिए ना कि समाज को दिखाने के लिए फिजूल खर्ची करनी चाहिए अन्यथा उसकी एक बहुत बड़ी कीमत कर्ज के रूप में आपको चुकानी पड़ सकती है।

मिडिल क्लास नौजवानों के जीवन की सच्चाई

Life Advice in Hindi

“ये कहानी है राजेश की, जो एक मिडिल क्लास नौजवान है। राजेश ने अपने करियर की शुरुआत 3 साल पहले ही की है। राजेश की शादी हो चुकी है और 2 बच्चे भी है और साथ में रहते हैं उसके बुढ़े माता-पिता।
राजेश के परिवार को राजेश से बहुत उम्मीदें है और राजेश भी उन सपनों को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत करता है और खुश है।

राजेश एक कंपनी में मैनेजर है , महीने के सभी खर्च निकालकर कुछ पैसे बच भी जाते हैं
राजेश के मन में बस एक ही सपना है – अपने परिवार को एक बेहतर ज़िन्दगी देना।

कुछ दिनों के बाद राजेश होम लोन लेकर एक अच्छी कॉलोनी में नया मकान खरीद लेता है।
नया मकान लेकर सभी बहुत खुश हैं । इसके चलते समाज में उनका कुछ नाम हो गया है राजेश ऑफिस अपनी बाइक से जाता है । लेकिन उसके स्टाफ के कुछ जूनियर साथी गाड़ी से आ जाते हैं । यह देखकर राजेश को लगा कि मुझे भी एक कार ले लेनी चाहिए क्योंकि ऐसे अच्छा नहीं लगता कि मेरे जूनियर गाड़ी से आए और मैं बाईक से।

अब क्या था अगली छुट्टी पर राजेश एक नई कार खरीद लेता है। अब राजेश की खुशी का ठिकाना नहीं था , क्योंकि उसके पास नया घर हो गया और आज एक नई चमचमाती कार जो घर आ गयी, अब समाज और रिश्तेदारों में राजेश का नाम हो गया था सब राजेश की कामयाबी के उदाहरण अपने बच्चों को देने लगे थे। ऐसा हमारे यहां आम बात है अब इसी के साथ राजेश के दो लोन हो गए और उनकी किस्त भी जाने लगी। अब धीरे-धीरे घर के खर्च भी बढ़ने लगे इन सभी जरूरतो को पूरा करने के लिए राजेश क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करता है।

लेकिन राजेश को नहीं पता था कि आगे चलकर वह एक बड़े जाल में फसने वाला है। क्योंकि सब कुछ सही चल रहा था ,
अब राजेश अपने रोजाना के खर्च क्रेडिट कार्ड से करता है जैसे इलेक्ट्रिसिटी बिल मेडिकल एक्सपेंसिस, शॉपिंग और बाकी के सभी। धीरे-धीरे समय बितता है, और राजेश को अपने ऊपर कर्ज होने का आभास होने लगता है

उसके ऊपर बैंक का लोन है, क्रेडिट कार्ड का बकाया है, और घर के नए खर्चे जो रोज़ सामने आ रहे हैं। अब राजेश एक कर्ज को चूकाने के लिए दूसरा कर्ज लेने लगता है ” एक नया लोन लेने के बाद कुछ समय के लिए राहत मिलती है, लेकिन उसी स्थिति में राजेश फिर से आ जाता है जो की स्वाभाविक बात है।

अब जैसे-जैसे कर्ज बढ़ रहा है तो उस कर्ज का ब्याज भी बढ़ रहा है खासकर क्रेडिट कार्ड का ,क्योंकि राजेश को एक और आदत लग गई है , जो कि क्रेडिट कार्ड पर EMI कराने की है और अब राजेश को क्रेडिट कार्ड का बिल और लोन की EMI ये सभी अपनी सैलरी से पे करना मुश्किल लगने लगता है।

अब राजेश बड़ा परेशान रहने लगा। बस राजेश दिन रात एक ही बात सोचने लगा है कि मुझे कुछ भी करके इस कर्ज से बाहर निकलना है । फिर उसके मन में विचार आता है कि मैं एक नया लोन लेकर इन सब को चुका दूंगा और इससे बाहर निकल जाऊंगा। लेकिन कर्ज अधिक होने पर अब बैंक भी राजेश को लोन देने से मना कर देता है।

अब राजेश NBFC और प्राइवेट फाइनेंसर का ऑप्शन चुनता है , आखिर राजेश को लोन तो मिल जाता है लेकिन उसका ब्याज बैंक की तुलना में काफी अधिक है जिससे उसकी EMI भी बढ़ जाती है. लेकिन इस लोन से भी राजेश का पिछला कर्ज पूरा नहीं हो पाता और अब राजेश एक और नया कर्ज लेने के बाद अधिक डिप्रेशन में चला गया । राजेश अपने परिवार में इसके बारे में किसी से बात भी नहीं करता है क्योंकि वह सोचता है कि मैं अकेला ही इससे निपट लूंगा।

अब राजेश की ज़िन्दगी बस कर्ज़ चुकाने में ही उलझकर रह गयी है। उसका मन चिड़चिड़ा रहने लगा यह रंग बिरंगी दुनिया उसकी आंखों में चुभने लगी है अब राजेश अपने परिवार से दूर होता जा रहा है। हर महीने मिलने वाली सैलरी की खुशी मानो खत्म सी हो गई है । क्योंकि सैलरी आते ही सभी लोन इएमआई और क्रेडिट कार्ड बिल में चली जाती है राजेश को घर का खर्चा चलाने के लिए भी अलग से सोचना पड़ता है।

राजेश खुद को इस कर्ज के दलदल से बाहर निकालने की नाकाम कोशिश कर रहा है । एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसकी राजेश के परिवार ने कल्पना भी नहीं की होगी । ऑफिस से आते वक्त राजेश ने सुसाइड करने की कोशिश की !

लेकिन वह तो भला हो कुछ लोग ने राजेश को देख लिया और उसे सही सलामत उनके घर ले आए। लाख पूछने पर राजेश ने अपने पिता से सब कह सुनाया। राजेश के पिता जीवन के अनुभवी व्यक्ति है। उन्होंने राजेश को समझाया और दोबारा से जीवन जीने की हिम्मत दी और अपने एक फाइनेंस एक्सपर्ट मित्र से मिलकर इस कर्ज की समस्या से छुटकारा दिलाया।

वैसे यहां राजेश सिर्फ एक किरदार है । यह कहानी है उन लाखों नौजवानों की जो इस कर्ज की दलदल में फंसे हुए हैं, जो हर पल घुट घुट कर जी रहे हैं और एक दुख भरा जीवन काट रहे हैं ।

कहीं आप भी उनमें से एक तो नहीं ? अगर हां तो आज ही अपने फाइनेंस सलाहकार से मिले और कर्ज की इस दलदल से बाहर निकलें। एक शानदार जीवन बाहें फैलाए आपका इंतजार कर रहा है।

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