पुणे कार हादसे में एक नया मोड़ आया है। महाराष्ट्र परिवहन विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि नाबालिक द्वारा चलाई जा रही कर का परमानेंट रजिस्ट्रेशन मार्च से पेंडिंग चल रहा था। दरअसल कार के मालिक ने 1758 रुपए का शुल्क नहीं चुकाया था। बता दे की इलेक्ट्रिक लग्जरी स्पोर्ट्स सेडान पोर्श टेक्कैन को कथित तौर पर एक बिल्डर का 17 साल का बेटा चल रहा था।

पीटीआई मुंबई, पुणे में तेज रफ्तार पोर्श कार ने दो लोगों की जान लेने वाले मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। नाबालिक द्वारा चलाई जा रही कार परमानेंट रजिस्ट्रेशन मार्च से पेंडिंग में पड़ा हुआ था। क्योंकि कर के मालिक ने 1758 का सूट नहीं चुकाया था महाराष्ट्र परिवहन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी। महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने ने पीटीआई को बताएं कि पोर्श कार को मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर द्वारा इंपोर्ट किया गया था और वहां से इसे अस्थाई पंजीकरण पर महाराष्ट्र भेजा गया था। इलेक्ट्रिक लग्जरी स्पोर्ट्स सेडान, पोर्श टेक्कैन ओकाती तौर पर एक बिल्डर का 70 साल का बेटा चल रहा था पुलिस का दावा है कि रिवर किस वक्त कल्याणी नगर इलाके में हुई दुर्घटना के समय नाबालिक नशे में था।
कार के मालिक की लापरवाही।
अधिकारी ने बताया कि जब कर को पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय मुकेश किया गया तो पाया गया कि इसका रजिस्ट्रेशन फीस जमा नहीं कराई गई थी। इसके भुगतान के लिए मालिक से संपर्क किया था रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को बिना पूरे किए कार को वापस आरटीओ ऑफिस नहीं लाया गया।
अधिकारियों के अनुसार महाराष्ट्र के रजिस्ट्रार वाहनों के लिए रोड टैक्स में छूट दी गई। इसके लिए पोर्श टेक्कैन मॉडल के पंजीकरण के लिए लघु पंजीकरण शुल्क केवल 1758 रुपए का जिसमें ₹1500 हाइपोथेकेशन शुल्क ₹200 स्मार्ट कार्ड आरसी और ₹58 डाक शुल्क शामिल था।
करोड़ों की कार, लेकिन भर नहीं पाए 1758 रुपये।
दिलचस्प बात यह है कि करोड़ों की खरीदने वाला बिल्डर 1758 रुपए नहीं चुका पाया। और मार्च से बिना किसी नंबर प्लेट के कार सड़कों पर दौड़ रही थी। अधिकारियों ने बताया कि कर्नाटक द्वारा जारी एक वैध अस्थाई पंजीकरण प्रमाण पत्र था जिसकी वैलिडिटी मार्च से सितंबर 2024 तक 6 महीने की थी।
क्या कहता है मोटर वाहन अधिनियम।
भीमनवार ने कहा कि जो नाबालिक लड़का कार चला रहा है। उसे 25 साल की उम्र होने तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल पाएगा और लग्जरी कार को 12 महीने तक किसी भी आरटीओ ऑफिस में रजिस्ट्रेशन नहीं होने दिया जाएगा। मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार इसका मौजूदा अस्थाई पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा एमवी अधिनियम की धारा 199ए की अप धाराओं के तहत परिवहन अधिकारी है यह कार्रवाई कर सकते हैं। पुणे के आरटीओ को एमवी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज करने के लिए कहा गया।
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