पुणे हादसे के नाबालिग आरोपी के पिता को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। खबर है कि यहां पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपी के पिता ने ही ड्राइवर को नाबालिक को गाड़ी चलाने देने के लिए कहा था। रविवार देर रात हुए हादसे में एक युवक और एक युवती की मौत हो गई थी इधर आरोपी को भी बाल सुधार गृह भेज देने तैयारी की है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिक को निबंध लिखने जैसी शर्तों पर जनमात दी थी।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर गणेश माने कोर्ट में स्पेशल जज एस पी पोखसे के सामने के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि ड्राइवर ने अपने बयान में कहा है कि किशोर कार चलाने की जिद कर रहा था। और ड्राइवर को इस संबंध में सूचित करने के लिए उसके पिता को फोन करना पड़ा रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारी ने बताया कि ड्राइवर ने कहा था कि पिता ने उसे किशोर को गाड़ी चलने देने और उसके पास की सीट पर बैठने के लिए कहा था।
इससे पहले बिल्डर की ओर से कोर्ट में पेश पर वकील प्रशांत पाटिल ने कहा था कि ड्राइवर ने पुलिस को दिए बयान में कहा है की गाड़ी किशोर को नहीं सिर्फ उसे ही चलने के लिए दी गई थी खास बात है कि आरोपी का पिता पुणे शहर का जाना माना बिल्डर है। पुलिस ने 7 दिनों की पुलिस कस्टडी की मांग की थी अदालत ने 24 मई तक की कस्टडी के आदेश दिए हैं।
आरोपी के पिता को मंगलवार को रात 8:30 पर गिरफ्तार किया गया था उन पर आरोप है कि यह जानते हुए भी उन्होंने बेटे को कार चलाने की अनुमति दी। कि उसके पास लाइसेंस नहीं है और वह गाड़ी चलाने में निपुण भी नहीं है। उन्होंने मंगलवार को ही । सभाजीनगर एक लाज हिरासत में ले लिया गया था और बाद में पुणे लाया गया।
अखबार से बातचीत में पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया, बिल्डर और अन्य को फरासखाना पुलिस स्टेशन के लॉकअप में रखा जाएगा। जहां उन्हें कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा। उन्हें गिरफ्तार किया गए अन्य लोगों के साथ रखा जाएगा और नियमित भोजन ही मिलेगा।।
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