भारतीय रेलगाड़ियों के आखिरी डिब्बे (लास्ट डिब्बे) पर “X” का निशान सुरक्षा और संकेतों के लिए लगाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ट्रेन पूरी है और कोई डिब्बा छूट नहीं गया है। जब ट्रेन किसी स्टेशन से गुजरती है, तो स्टेशन पर मौजूद रेलवे कर्मचारी और गार्ड इस “X” के निशान को देखकर समझ जाते हैं कि ट्रेन का आखिरी डिब्बा आ चुका है और पूरी ट्रेन सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ चुकी है। यदि “X” का निशान नहीं दिखाई देता, तो इसका मतलब हो सकता है कि ट्रेन का कोई डिब्बा कहीं रास्ते में छूट गया है या कोई अन्य समस्या है।यह “X” निशान एक तरह का विज़ुअल संकेत होता है, जो रेलवे सुरक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है।
यह “X” निशान रेलवे ऑपरेशनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और ट्रेन की सुरक्षा और सुचारु संचालन को सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, यह रेलवे कर्मचारियों और गार्ड्स के लिए एक त्वरित और स्पष्ट पहचान संकेत है कि ट्रेन का आखिरी डिब्बा सुरक्षित रूप से गुजर चुका है।यदि ट्रेन में यह आखिरी डिब्बा, जिसमें “X” का निशान है, नहीं दिखता, तो रेलवे स्टाफ तुरंत अलर्ट हो जाता है और जांच करता है कि ट्रेन के साथ कोई दुर्घटना या तकनीकी समस्या तो नहीं हुई है। यह प्रक्रिया रेलवे सुरक्षा प्रोटोकॉल का एक अभिन्न अंग है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कोई डिब्बा छूटने या पटरी से उतरने जैसी गंभीर समस्याएं तुरंत पहचानी जा सकें।रेलवे प्रणाली में ऐसे छोटे-छोटे संकेत और प्रक्रियाएँ यात्रियों की सुरक्षा और संचालन की सुगमता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भारतीय रेलवे में इस तरह के संकेत और प्रक्रियाएं समय के साथ विकसित हुई हैं, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके और ट्रेन संचालन को सुचारु बनाए रखा जा सके। “X” का निशान आखिरी डिब्बे पर इसलिए भी लगाया जाता है ताकि यह स्पष्ट रूप से दिख सके, खासकर रात के समय जब इसकी पहचान करना मुश्किल हो सकता है। कई बार इस “X” निशान को प्रतिबिंबित (reflective) सामग्री से बनाया जाता है, जिससे अंधेरे में भी यह चमकता है और गार्ड या स्टेशन मास्टर आसानी से देख पाते हैं कि ट्रेन पूरी गुजर गई है।ट्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और भी कई तरह के संकेत होते हैं, जैसे कि गार्ड्स की हरी और लाल झंडी, हॉर्न सिग्नल, और ट्रेन के दोनों सिरों पर लगे सिग्नल लाइट्स। ये सभी मिलकर एक जटिल और सुरक्षित ट्रेन संचालन प्रणाली का हिस्सा हैं।”X” निशान इस पूरी प्रक्रिया का एक छोटा लेकिन बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो ट्रेन के अंतिम डिब्बे की पहचान के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे देख कर यह भी सुनिश्चित होता है कि कोई व्यक्ति या कर्मचारी ट्रेन के बीच या आखिरी हिस्से में अनजाने में न रुका हो। इसलिए, इस तरह के सरल लेकिन महत्वपूर्ण संकेत रेलवे के रोज़मर्रा के संचालन को सुरक्षित और प्रभावी बनाते हैं।