जानिए अंतरिक्ष में कैसे लटका रहता है स्पेस स्टेशन पृथ्वी पर क्यों नहीं गिरता

आप सभी सोचते होंगे कि अंतरिक्ष में स्पेश स्टेशन कैसे टिका रहता है, वह धरती पर क्यों नहीं गिरता तो इस पोस्ट में आपको इसकी जानकारी मिल।जाएगी कि स्पेस स्टेशन धरती पर क्यों नहीं गिरता

स्पेस स्टेशन एक ऐसी कृत्रिम संरचना होती है। जो धरती की कक्षा में भेजा जाता है। और इसी के जरिए अंतरिक्ष में बहुत सारे प्रयोग किए जाते हैं। और नयी नयी तकनीके सामने आती है। और ऐसी कई रहस्य खुलते हैं। पृथ्वी से भेजे जाने वाले अंतरिक्षयात्री यहाँ रहते हैं। और अलग अलग तरह के प्रयोग करते हैं।।अंतरराष्ट्रीय स्पेस धातु से बना होता है। तो चलिए अब समझते हैं। की ये अंतरिक्ष टीका कैसे रहता है और धरती पर क्यों नहीं गिरता?

 

 

 

अंतरिक्ष में कैसे अटका रहता है अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन यही कारण।

 

जानिए अंतरिक्ष में कैसे लटका रहता है स्पेस स्टेशन पृथ्वी पर क्यों नहीं गिरता

गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव: धरती का गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र धरती के चारों ओर होता है और इसका परिणामस्वरूप, कोई भी वस्तु धरती की ओर खींचता जाता है। यदि एक वस्तु की गति धरती के कस्पर्क से परे जाती है और धरती के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के बाहर जाती है, तो वह ग्रहण गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के बाहर होती है।

वृत्ताकार कार्यालय: अंतरिक्ष स्टेशन धरती के चारों ओर वृत्ताकार कार्यालय के आकार में होता है जिसे “ऑर्बिट” कहा जाता है। यह ऑर्बिट स्पेस स्टेशन को धरती के चारों ओर एक विशिष्ट ऊंचाई और गति पर बने रहने की अनुमति देता है, ताकि वह धरती के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के अंदर रहे।

स्पेस स्टेशन की गति: अंतरिक्ष स्टेशन धरती के चारों ओर धरती की गति के साथ चलता है, और इसकी रफ्तार 27,600 किलोमीटर घंटे की है। जिससे वह हमेशा धरती के परिप्रेक्ष्य में रहता है। इसके लिए इसे धरती की गति के साथ मेल कराने वाली अपनी विशेष गति की आवश्यकता होती है, जिसे “किरोबिनिक” कहा जाता है।

धरती के बाहर के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव का अनुभव: अंतरिक्ष स्टेशन पर, धरती के बाहर का गुरुत्वाकर्षण केवल इसके करवदारों के प्रभाव के रूप में होता है, और यह करवदार और उपग्रहों को धरती से दूर खींचता है, इसलिए वे धरती पर नहीं गिरते।

 

 

 

क्या होता है अंतरिक्ष स्टेशन में

अंतरिक्ष स्टेशन में कई तरह की सुविधाएं होती है। यहाँ ऑटोमैटिक काम करने वाले कुछ इक्विपमेंट होते हैं। और अंतरिक्ष यात्री।।रियल टाइम में होने वाली घटनाओं को पृथ्वी पर भेजता रहता है। ।कई तरह के लगे हाईटेक कैमरे और। अर्थ सेंसर सिस्टम की मदद से वो अंतरिक्ष की कई गुत्थियों को सुलझाते हैं। स्पेस स्टेशन मैं वातावरण में होने वाले बदलाव प्रकृति आपदाओं के जलवायु परिवर्तन और भी जानकारियां दी जाती है। ।वर्तमान में।।चीन अपने स्पेस स्टेशन का दायरा बढ़ाने की कोशिश में जुटा हुआ है। ।यह इसलिए है क्योंकि। यह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन अगले कुछ सालों में रिटायर हो जाएंग और चीन का स्पेस स्टेशन अगले 15 सालों तक काम करता रहेगा। पृथ्वी से ४५०० किलोमीटर की उचाई पर बसे इस स्पेस स्टेशन पर ज्यादा से ज्यादा अतरिक्ष यात्री रह सकते हैं।

 

 

 

चन्द्रयान तीन की सफलता

चन्द्रयान तीन की सफलता के बाद 2035 तक भारत अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बना लेगा और 2040 में चाँद पर भारतीय अंतरिक्षयात्री कदम रखेंगे वर्तमान में चीन का स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में है और वो इसका दायरा बढ़ाने की कोशिश में जुटा हुआ है। अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन बनाने के मिशन के बाद भारत दुनिया के कई देशों को पीछे छोड़ देगा

 

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